एस्मा के बावजूद 3300 मेडिकल शिक्षक अवकाश पर गए, विरोध जारी | MEDICAL TEACHERS INDORE PROTEST

भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को लागू करने और टाइम-बाउंड प्रमोशन को लेकर चल रहे चिकित्सा शिक्षकों के आंदोलन (MEDICAL TEACHERS PROTEST) को जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) समर्थन दिया है। इंदौर डिवीजन के कमिशनर को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने दावा किया है कि इस मुद्दे का हल करने के लिए सरकार की तरफ से जरूरी कोशिश नहीं की जा रही है।

एसोसिएशन का कहना है कि इस मुद्दे के बारे में राज्य सरकार को लगभग एक महीने पहले बता दिया गया था। वे इस मामले को हल करने के लिए बातचीत शुरू करने के बजाए विरोध को दबाने के लिए एस्मा लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कोई आपातकालीन चिकित्सा सेवा बाधित नहीं की गई थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जेडीए का कहना है कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह इस मामले को हल करे। इसके साथ ही जेडीए ने कहा है कि प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई होने पर ओपीडी और अन्य सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा।

एस्मा लागू होने के बावजूद इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज सहित मध्य प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज और और डेंटल कॉलेज के 3300 मेडिकल टीचर्स ने बुधवार को एक दिन का सामूहिक अवकाश ले लिया। ये सभी डॉक्टर्स 7वें वेतन आयोग की सिफारितों के तहत सैलरी दिए जाने की मांग कर रहे है। प्रदर्शनकारी टीचर्स का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के 55 में से 54 विभागों के 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से मिल रहा है लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग को नहीं दिया जा रहा है।

मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को सामूहिक अवकाश पर जाने से रोकने के लिए राज्य सरकार एस्मा लगा चुकी है। मंगलवार देर रात मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन को इस बारे में आदेश भेज दिया गया था। इस आदेश के मुताबिक तीन माह तक चिकित्सकों के अवकाश लेने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके बावजूद मेडिकल टीचर्स ने बुधवार को सामूहिक अवकाश लिया और उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे आगे भी सामूहिक आवकाश पर जाएंगे।

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