भोपाल। मध्यप्रदेश में आज भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं ने लालटेन के सहारे अपनी राजनीति रौशन करने की कोशिश की। जबलपुर के सांसद राकेश सिंह अपना क्षेत्र छोड़कर भोपाल में लालटेन थामे नजर आए तो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को शाजपुर भेजकर उनकी रौशनी पर ग्रहण लगाने की कोशिश की गई।
विरोध प्रदर्शन के बहाने शक्तिप्रदर्शन और गुटबाजी का खेल भाजपा में खुलेआम खेला जा रहा है। भोपाल रेप कांड के विरोध में भाजपा ने आधिकारिक कार्यक्रम घोषित किया तो उसके एक रात पहले शिवराज सिंह चौहान ने कैंडल मार्च निकाल डाला। पश्चिम बंगाल में अपनी सफलता से उत्साहित कैलाश विजयवर्गीय ने 'किसान आक्रोश यात्रा' के नाम पर शक्ति प्रदर्शन किया। एक तीर से दो निशाने साधे। पहला: इंदौर का भाई पश्चिम बंगाल की राजनीति में भले ही चला गया परंतु इंदौर में सिक्का चलता है और दूसरा शिवराज सिंह चौहान, राकेश सिंह व गोपाल भार्गव से बड़ा गुट इंदौर में है।
भोपाल में राकेश सिंह और शाजपुर में शिवराज सिंह के अलावा प्रदेश में कहीं कुछ खास नहीं दिखा। भाजपा के आधिकारिक हेंडल BJP4MP के अनुसार गुना, इंदौर, छिंदवाड़ा, हरदा, जबलपुर एवं अशोकनगर में प्रभावी प्रदर्शन हुए। मजेदार बात यह है कि इंदौर में भाजपा की लालटेन अलग अलग नजर आईं।