शिक्षक संवर्ग में आरक्षण विधेयक, 2019 को मोदी कैबिनेट की मंजूरी: SARKARI NAUKRI

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों पर जोर देते हुए, इसे समावेशी बनाने और विभिन्‍न श्रेणियों के लोगों की आकांशाओं को ध्‍यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘केंद्रीय शैक्षिक संस्‍थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक, 2019’ नामक एक विधेयक पेश करने की मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल के निर्णय से अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित लोगों की काफी पुरानी मांगों का हल होगा और संविधान के तहत उनके अधिकार सुनिश्चित होंगे। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित होगा।

इस निर्णय से प्रभाव:

  • 200 प्‍वाइंट रोस्‍टर वाले शिक्षक संवर्ग में सीधी भर्ती से 7000 से अधिक मौजूदा रिक्तियों को भरे जाने की अनुमति होगी।
  • अनुच्‍छेद 14, 16 और 21 के संवैधानिक प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित होगी।
  • शिक्षकों के संवर्गों में सीधी भर्ती में अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का पूरा प्रतिनिधित्‍व सुनिश्चित होगा।
  • अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों  से संबंधित सभी पात्र एवं प्रतिभावान उम्‍मीदवारों को आकर्षित करके उच्‍चतर शैक्षिक संस्‍थानों में अध्‍यापन के मानदंडों में सुधार होने की उम्‍मीद है।


  • असर : यह विधेयक ‘केंद्रीय शैक्षिक संस्‍थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्‍यादेश, 2019’ के स्‍थान पर होगा। इसे संसद के आगामी अधिवेशन में पेश किया जायेगा।


कार्यान्‍वयन:
  • यह 200 प्‍वाइंट रोस्‍टर पर आधारित पूर्ववर्ती आरक्षण प्रणाली को कायम रखते हुए विश्‍वविद्यालय/ महाविद्यालय को एक यूनिट के रूप में मानेगा। अब से विभाग/विषय को एक यूनिट के रूप में नहीं माना जायेगा।
  • शिक्षक संवर्ग में सीधी भर्ती में पदों के आरक्षण के लिए विश्‍ववि़द्यालय/शैक्षिक संस्‍थानों को यूनिट माना जायेगा, न कि विभाग को।
  • मंत्रिमंडल के निर्णय से अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित लोगों काफी पुरानी मांगों का समाधान होगा और संविधान के तहत प्रदत्‍त उनके अधिकार सुनिश्चित होंगे। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना सुनिश्चित होगा।

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