भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश में बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने और अनावश्यक कटौती न किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरप्लस बिजली होने के बाद भी बिजली कटौती होना गंभीर है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि बगैर किसी वैध कारण के बिजली गुल होने पर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि तकनीकी खामी/फाल्ट होने से बिजली गुल होने के अलावा अगर बिजली बगैर किसी कारण बंद रहती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली किसानों और आम जनता से जुड़ी एक अनिवार्य सुविधा है। बिजली महकमे से जुड़े हर स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों को इस नागरिक सुविधा को हर स्थिति में सुचारू और बहाल रखने के लिये अथक प्रयास और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए 10 घंटे निरंतर बिजली का प्रदाय सुनिश्चित होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने निर्देश दिए कि बिजली उपलब्धता में आने वाली किसी भी तकनीकी खराबी और फाल्ट में त्वरित गति से सुधार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शिकायत व्यवस्था को भी दुरुस्त करने को कहा ताकि लोगों के शिकायत संबंधी फोन सुने जा सकें और उनका निराकरण तत्काल हो सके। मुख्यमंत्री ने बारिश के पूर्व होने वाले मेंटेनेंस के लिए बिजली कटौती का समय इस तरह निर्धारित करने को कहा जिससे आम जनता को कोई परेशानी न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि मेंटेनेंस कार्य के लिये बिजली कटौती की सूचना पर्याप्त समय पूर्व आम जनता को मिलना सुनिश्चित किया जाए।