भोपाल। अंतत: शिवराज सिंह चौहान केंद्र में चले ही गए। उन्हे सदस्यता अभियान का चेयरमैन बनाया गया। उन्होंने अपना काम भी शुरू कर दिया है। अब सवाल यह है कि मध्यप्रदेश में भाजपा का चेहरा कौन होगा।
प्रह्लाद पटेल भी रेस में शामिल
इस रेस में कई नाम पहले से ही शामिल हैं। प्रभात झा से लेकर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह तक भाजपा में शिवराज सिंह के कई उत्तराधिकारी पूर्व से ही उपस्थित हैं। अब दमोह सांसद एवं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल भी इस रेस में शामिल हो गए हैं। प्रह्लाद पटेल की सोशल मीडिया विंग ने इसके लिए अभियान शुरू कर दिया है। वो प्रहलाद पटेल को मध्यप्रदेश का अगला मुख्यमंत्री भी बता रहे हैं।
प्रह्लाद पटेल में ऐसा क्या है
मध्यप्रदेश की राजनीति में अनुसूचित जाति जनजाति वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ और पिछड़ा वर्ग के नेताओं को प्रमुख पद देकर वोट बैंक पर कब्जा करने की परंपरा सी शुरू हो गई है। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह इसके प्रमाण हैं। मंत्री प्रह्लाद के पंडितों का मानना है कि कांग्रेस ने ओबीसी नेता अरुण यादव को पद से हटाया इसलिए उसे नुक्सान हुआ। भाजपा ने ओबीसी नेता शिवराज सिंह को नही हटाया इसलिए 109 तक पहुंच गए नहीं तो एससी एसटी एक्ट विरोध के चलते 70 पर सिमट सकते थे। इसलिए भाजपा अपना ओबीसी कार्ड नहीं छोड़ेगी। तमाम दावेदारों में कोई भी ऐसा नहीं है जो प्रह्लाद पटेल के समकक्ष ओबीसी नेता हो।
उमा भारती का आशीर्वाद प्राप्त है, शिवराज सिंह से भी संबंध बना लिए
बताने की जरूरत नहीं कि सांसद प्रहलाद पटेल के उमा भारती से काफी गहरे संबंध रहे हैं। वो उमा भारती की टीम के सबसे ताकतवर सदस्य थे। इसी कारण शिवराज सिंह चौहान ने कभी उन्हे आगे नहीं बढ़ने दिया। लम्बे समय तक प्रहलाद पटेल को नर्मदा की सफाई के अलावा कुछ और नहीं करने दिया गया, लेकिन मंत्री बनने के बाद प्रहलाद पटेल ने शिवराज सिंह से भी संबंध बना लिए हैं।