भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं नौकरशाह राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ एतिहासिक हड़ताल कर चुके मध्यप्रदेश के 23 हजार ग्राम पंचायत सचिव अब कमलनाथ सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। दरअसल, उनकी अंशदायी पेंशन योजना की मांग अब तक पूरी नहीं हुई है।
मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन ने अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू करवाने के लिए कमलनाथ सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। वहीं मांग नहीं माने जाने पर पंचायत सचिवों ने जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत की बैठकों के बहिष्कार का एलान किया है। मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने 2013 में लागू हुए अंशदायी पेंशन योजना के लागू नहीं पर इसे पंचायत विभाग की घोर लापरवाही बताया है। उन्होने कहा कि इस घोर लापरवाही के विरुद्ध हमने तय किया है कि अगर सरकार ने 15 दिन के अंदर अंशदायी पेंशन योजना की कटौती लागू नहीं की तो पूरे प्रदेश में जिला पंचायत जनपद पंचायत और पंचायत में होने वाली बैठकों का पंचायत सचिव बहिष्कार करेंगे।
दिनेश शर्मा का कहना है कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने हमारी अंशदायी पेंशन की मांग पर ध्यान नहीं दिया। अंशदायी पेंशन योजना की कटौती पिछले 5 साल से चालू नहीं हो पाई है। यह हमारा बहुत बड़ा दुर्भाग्य है, क्योंकि इसमें पंचायत सचिवों को 4800 रुपए महीने का नुकसान हो रहा है। इसलिए हमने तय किया है कि अगर 15 दिन में आदेश लागू नहीं हुआ, तो हम तमाम तरह की बैठक का बहिष्कार करेंगे।