भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath) 6 मंत्रियों को पद से हटाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने एक फार्मूला भी निकाला है। तय किया है कि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Digvijay Singh and Jyotiraditya Scindia) अपने-अपने कोटे से 2-2 मंत्रियों को कम करें। इसके साथ ही वो भी अपने कोटे से 2 मंत्री कम कर देंगे। इस तरह 6 पद रिक्त हो जाएंगे जिन पर निर्दलीयों को मंत्री बनाया जा सकेगा। बता दें कि वर्तमान में सरकार के पास 6 मंत्री पद रिक्त हैं परंतु कमलनाथ चाहते हैं कि 6 पद उनके पास रिजर्व में बने रहें।
सभी निर्दलीयों को मंत्री बनाने का फार्मूला
पत्र में उन्होंने लिखा कि प्रदेश के बड़े नेता (कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया) अपने कोटे से दो-दो मंत्रियों की संख्या कम कर दें तो 6 पद खाली हो जाएंगे। इनके एवज में निर्दलियों को मंत्री बना दिया जाए। इससे भाजपा द्वारा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों (Independent legislators) की खरीद-फरोख्त की कोशिशों पर रोक लगाई जा सकती है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यद्यपि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है।
6 पद खाली हैं, फिर भी इस्तीफा चाहते हैं कमलनाथ
फिलहाल सरकार में 28 मंत्री हैं। अभी 6 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इन पदों को भविष्य के लिए खाली रखना चाहते हैं। मंत्रिमंडल में अभी सबसे ज्यादा 10 मंत्री कमलनाथ कोटे से हैं, जबकि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से 7-7 मंत्री है।
भाजपा को कमजोर करने, इनकी ताकत बढ़ानी होगी
मध्यप्रदेश विधानसभा में फिलहाल कांग्रेस के 114, भाजपा के 108, 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा से विधायक हैं। मुख्यमंत्री ने अपने शुरुआती मंत्रिमंडल विस्तार में ही चौथी बार के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल (Pradeep Jaiswal) को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया था, जिससे सरकार के सर्मथन में 115 विधायक हो गए हैं। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक मूलत: कांग्रेस की पृष्ठभूमि से हैं लेकिन वे टिकट न मिलने से बागी होकर निर्दलीय होकर चुनाव लड़े थे। ये विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर, केदार डाबर और विक्रम सिंह राणा (Surendra Singh Thakur, Kedar Dabar and Vikram Singh Rana) हैं।
इसके अलावा सपा के इकलौते विधायक राजेश शुक्ला (Rajesh Shukla) और बसपा से संजीव कुशवाह और रामबाई (Sanjeev Kushwaha and Rambai) हैं। इनमें से पांच को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। भाजपा विधायक गुमान सिंह डामोर के लोकसभा सांसद चुने जाने से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। इसलिए झाबुआ विधानसभा सीट रिक्त है। इस सीट के लिए अभी उप चुनाव की अधिसूचना जारी होना है।