भोपाल। 2014 में भोपाल के बहुचर्चित डॉक्टर जयश्री नामदेव हत्याकांड के दोषी अनुराग नामदेव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। याद दिला दें कि अनुराग नामदेव ने डॉक्टर जयश्री रामदेव की हत्या उसकी शादी के दिन की थी। वरमाला के बाद जब स्टेड पर बधाई का कार्यक्रम चल रहा था, तभी अनुराग नवयुगल को बधाई देने आया और दुल्हन जयश्री नामदेव को गोली मार दी थी। कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 15 दिन पहले वो पैरोल पर मुक्त होकर अपने घर गढ़ाकोटा आया था। यह एकतरफा प्रेम कहानी है।
शाम को पैरोल खत्म होना था, सुबह फांसी लगा ली
सागर पुलिस के मुताबिक जिले के गढ़ाकोटा के सुभाष वार्ड निवासी अनुराग उर्फ गगन नामदेव (35) ने मई 2014 में भोपाल में पीजी की छात्रा डॉ. जयश्री नामदेव की शादी के दिन वरमाला के दौरान स्टेज पर चढ़कर गोली मारकर हत्या की थी। सेंट्रल जेल से मिली पैरोल बुधवार को खत्म हो रही थी। 12 जून को शाम 5 बजे उसे वापस केंद्रीय जेल जाना था, लेकिन सुबह उसने घर में तौलिए से उसने फांसी लगा ली। सूचना मिलते ही तहसीलदार संगीता मेहतो, थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पंचनामा कर शव का पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। जेलर मदन कमलेश ने बताया पुलिस कंट्रोल रूम से उन्हें अनुराग नामदेव की आत्महत्या की सूचना मिली।
हत्या करने के बाद भी जान देने की कोशिश की थी
जयश्री नामदेव से अनुराग एक तरफा प्रेम करता था, लेकिन जयश्री की शादी उसके साथ पीजी करने वाले एक डॉक्टर से हो रही थी। 8 मई 2014 में भोपाल के लालघाटी क्षेत्र के एक मैरिज गार्डन में वरमाला के दौरान रात करीब 11.15 बजे अनुराग ने बधाई देने के बहाने स्टेज पर जाकर दुल्हन जयश्री को गोली मार दी थी। इसक बाद खुद को भी गोली मारने का प्रयास किया था, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया था। फरवरी 2015 में भोपाल की जिला अदालत ने अनुराग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।