प्यास से तड़पते 250 लोग संपत्तियां लावारिस छोड़ पलायन कर गए | PANNA MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में जलसंकट इतना अधिक भयावह हो गया है कि लोग अब पेयजल की तलाश में अपनी प्रॉपर्टी लावारिस छोड़ पलायन कर गए। मामला पन्ना जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित छापर गांव का है। सभी ने ककरहटी गांव में शरण ली है। बताया जा रहा है कि पन्ना जिले के 100 से ज्यादा गावों में भीषण पेयजल संकट छाया हुआ है। 

पूरे गांव में सिर्फ तीन बुजुर्ग और कुछ मवेशी ही बचे हैं

लगभग वीरान हो चुके इस गांव में सिर्फ तीन बुजुर्ग और कुछ मवेशी ही बचे हैं, जो जीवित रहने की जद्दोजहद में इस चिलचिलाती धूप में चार किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाकर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों की अधिकांश नल-जल योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं। जल स्तर नीचे खिसकने से कुएं जहां सूख चुके हैं, वहीं हैंडपंपों से पानी की जगह गर्म हवा निकल रही है।

आदिवासी बहुल गांव है छापर 

बताया जा रहा है कि आदिवासी बहुल छापर गांव में पेयजल का इतना विकराल संकट पहली बार आया है। गांव में बचे तीन बुजुर्गों में से एक बंदी चौधरी ने बताया कि पहली बार पानी का ऐसा संकट अपने गांव में देखा। उन्होंने बताया कि जल स्तर पाताल की ओर खिसकने के कारण तीन महीने पहले उनके गांव के ज्यादातर लोग पलायन कर गए। 

पुरानी झिरिया का गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे हैं

बंदी चौधरी के अलावा छापर में बचे दो अन्य ग्रामीण गेंदालाल चौधरी और बुधवा चौधरी ने बताया कि आग उगलती गर्मी में वे हर रोज तीन से चार किलोमीटर दूर जनवार या मोहनगढ़ी गांव से पीने का पानी लाते हैं। कई बार जंगल में स्थित पुरानी झिरिया का गंदा पानी पीकर प्यास बुझानी पड़ती है। 

EE PHE को कुछ पता ही नहीं

दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 के किनारे स्थित छापर गांव से ग्रामीणों के पानी के अभाव में पलायन करने को लेकर समूचा प्रशासन बेखबर बना हुआ है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री एसके जैन ने कहा कि छापर गांव से ग्रामीणों का पानी के अभाव में पलायन बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने समस्या के तत्परता से समाधान का आश्वासन भी दिया।

CM HELP LINE से भी हेल्प नहीं मिली

छापर गांव मे पेयजल व्यवस्था के लिये 3 हैंडपंप और एक प्राचीन कुआं हैं लेकिन पिछले तीन महीने में हैंडपंप का जल स्तर खिसक गया और तब से वे पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। जल समस्या के निदान के लिये ग्रामीण बंदी चौधरी ने सीएम हेल्पलाइन पर संपर्क किया लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई। उनके अनुसार, वे प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी समस्या बताने कई बार पन्ना भी गए। पीएचई और जनपद पंचायत कार्यालय के कई दिनों तक चक्कर काटते रहे।

प्रभारी कलेक्टर का बयान

आपके माध्यम से छापर गांव में जल संकट के कारण ग्रामीणों का सामूहिक पलायन होने की जानकारी मिली है, मैं तुरंत सीईओ जनपद और कार्यपालन यंत्री पीएचई को अवगत कराता हूं। गांव की समस्या का समाधान कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिये हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
जेपी ध्रुर्वे - प्रभारी कलेक्टर, पन्ना

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!