जबलपुर। लॉ करने वालों को राहत भरी खबर है, इस साल उम्र का बंधन नहीं होगा। रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी / Rani Durgavati University (रादुविवि) ने पहले उम्र की सीमा तय की थी लेकिन इस बार LLB के लिए उम्र की सीमा खत्म (Over the age limit) करने का निर्णय लिया गया है। पहले बीएएलएलबी (BALLB) के लिए 22 साल और एलएलबी के लिए अधिकतम उम्र 30 वर्ष थी। इससे अधिक आयु सीमा वाले छात्र (STUDENT) कोर्स में प्रवेश नहीं ले सकते थे। आयु सीमा लागू करने की खबर BCI तक गई तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसमें परिवर्तन करने का फैसला किया है। इससे एक बार फिर ऐसे छात्रों की उम्मीद जाग गई है जो उम्र अधिक होने के बाद भी लॉ की पढ़ाई करना चाहते थे।
रादुविवि में 15 अप्रैल से प्रवेश की प्रक्रिया (Admission process) प्रारंभ हो चुकी है। यूनिवर्सिटी के विधि विभाग (law Department) ने बीएएलएलबी और लॉ के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहले उम्र की सीमा निर्धारित कर दी थी। इस वजह से कई छात्र प्रवेश लेने से वंचित हो रहे थे। पिछले साल तक उम्र की सीमा का नियम नहीं लागू था। लिहाजा, निर्धारित योग्यता के साथ हर उम्र का व्यक्ति इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता था। इस बार ऐसा नहीं था।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के हवाले से नियम लागू किया। कई निजी कॉलेजों ने भी उम्र के बंधन पर आपत्ति ली। दरअसल, उम्र को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए निर्णय होने तक उम्र के बंधन को लागू नहीं किया जा सकता है। बीसीआई से इस संबंध में पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। यूनिवर्सिटी को जब इसकी खबर लगी तो तत्काल उम्र की सीमा की अनिवार्यता को खत्म किया गया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ऑनलाइन प्रवेश फार्म में बीएएलएलबी और एलएलबी के लिए उम्र की सीमा तय की थी, जिसका उल्लेख आवेदन में किया गया था। बाद में इसे ऑनलाइन से भी हटाया गया। इस वजह से भी कई छात्र आवेदन नहीं कर सके।
बीसीआई के नियम के मुताबिक फिलहाल एलएलबी और बीएलएलबी पाठ्यक्रमों में उम्र की सीमा लागू नहीं है। यदि कहीं भी ऐसा हो रहा है तो नियम के विपरीत है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी।-डॉ.एएस यादव, ओएसडी अकादमिक उच्च शिक्षा विभाग भोपाल
उम्र की सीमा को लेकर पहले आदेश था। जिसके बाद उम्र बंधन लागू किया। बीसीआई से स्पष्टीकरण इस संबंध में आया जिसके बाद उम्र का बंधन खत्म हो किया गया।- प्रो. ममता राव,विभागाध्यक्ष विधि विभाग रादुविवि