नई दिल्ली। देश में साधु संतों का नया रूप सामने आ रहा है। हिदुओं के शास्त्रानुसार सन्यासी वो जो मोह त्याग दे, साधु वो जो विश्व कल्याण के लिए तप करे और संत वो जो निर्मल और शांत स्वभाव का प्रतीक बनकर समाज को सही दिशा पर ले जाने का काम करे परंतु इन दिनों कुछ और ही हो रहा है। प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े से जुड़े संत और योग गुरु स्वामी आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर महिलाओं के साथ हिंसा करने का आरोप है।
स्वामी आनंद गिरी के गुरु महंत नरेन्द्र गिरी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। आरोप है कि साल 2016 में एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान दो महिलाओं के साथ मारपीट और अभद्रता की थी। दोनों महिलाओं ने योग गुरु आनंद गिरि के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आनंद गिरि को रविवार दोपहर 12.35 बजे गिरफ्तार किया गया। फिलहाल, आनंद गिरी को 26 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस मामले में योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने कहा था कि मामला मारपीट का नहीं बल्कि साधु-संतों के पीठ थपथपा कर आशीर्वाद देने को विदेशी महिलाओं ने गलत तरीके से ले लिया और मारपीट का आरोप लगाया है। मारपीट जैसा कुछ भी नहीं है।
इंटरनेशनल योग गुरु नाम से है प्रसिद्ध
स्वामी आनंद गिरि प्रयागराज लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हैं और निरंजन अखाड़े के पदाधिकारी हैं। योग गुरु स्वामी आनंद गिरि इंटरनेशनल योगगुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं। धार्मिक टीचिंग्स देने के लिए हांगकांग, लंदन, साउथ अफ्रीका, पेरिस और मेलबर्न समेत 30 देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। वह कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड और सिडनी जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में लेक्चर दे चुके हैं।
10 साल की उम्र में लिया था संन्यास
आनंद गिरि ने कम उम्र में संन्यास ले लिया था। स्वामी आनंद महज 10 साल की उम्र में नरेंद्र गिरि के संरक्षण में दीक्षा ली थी। संन्यासी के रूप में ही उन्होंने संस्कृत ग्रामर, आयुर्वेद और वेदिक फिलॉसफी की शिक्षा ली। बीएचयू से ग्रैजुएट आनंद गिरि योग तंत्र में पीएचडी की हैं।