भोपाल। भोपाल से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने आज यहां जारी एक बयान में कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट करने के बाद शिवराज सिंह चौहान बेशर्मी से पूछ रहे हैं कि किसानों का कर्ज कैसे माफ हो गया। खाली खजाना होने बावजूद परेशान किसानों का कर्ज माफ करने से शिवराज सिंह चौहान दुखी क्यों हैं? उनको खुश होना चाहिए कि जो काम 15 सालों में वे नहीं कर पाये उसे कमलनाथ सरकार ने चंद मिनटों में कर दिया।
मानक अग्रवाल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने हर नागरिक पर 23 हजार रूपये का कर्ज चढ़ाया। जिस प्रकार अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया उससे लोग उन्हें अब ‘‘चौपट सिंह चौहान’’ के नाम से पहचानने लगे हैं। उन्होने कहा कि चौपट सिंह ने मध्यप्रदेश को एक लाख 84 हजार करोड़ रूपये के कर्ज में डुबो कर पूरी तरह अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया। चौपट सिंह ने प्रदेश को कर्ज में कैसे डुबोया इसके आंकडे़ बताते हुए कहा कि 2014 में 77 हजार 413 करोड़ रूपये का कर्ज था। यही कर्ज 2015 में बढकर 94 हजार 979 करोड़ हो गया। इसके एक साल बाद 2016 में 113 हजार करोड़ और 2017 में एक लाख 37 हजार 810 करोड़ और 2018 में एक लाख 84 हजार करोड़ रूपये बढ़ गया।
मानक अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज बढ़ने के साथ ही हर नागरिक पर कर्ज बढ़ गया। वर्ष 2016 में हर नागरिक पर 13 हजार 800 रूपये का कर्ज चढ़ गया। 2017 में 17 हजार 226 रूपये और आज की स्थिति में लगभग 23 हजार रूपये कर्ज चढ़ा है।
मानक अग्रवाल ने कहा कि युवाओं से भी ‘‘चौपट सिंह चौहान’’ ने झूठ बोला। व्यापमं कांड में हजारों युवाओं का भविष्य चौपट कर दिया। बड़ी-बड़ी इन्वेस्टर्स मीट कीं। कहा था कि प्रदेश में नामी गिरामी कंपनियां उद्योग लगायेंगी। चीन की टाउनशिप बनेगी। दक्षिण कोरिया का प्रकोष्ठ बनेगा। जापान की कंपनियां आयेंगी और उनमें प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। जिस तरह मेक इन इंडिया है, उसी तरह मेक इन मध्यप्रदेश भी होगा। आज तक किसी कंपनी का अता पता नहीं है। जितने उद्योग लगे नहीं, उससे ज्यादा बंद हो गये।