पोर्टल पर दर्ज छात्रों की संख्या के आधार पर पुस्तकें दी जाएंगी | EDUCATION NEWS

इंदौर। देश में इस सत्र 2019-20 से सभी शासकीय स्कूलों (Government schools) को पोर्टल (Portal) पर दर्ज छात्र-छात्राओं (STUDENT) की संख्या के आधार पर ही पुस्तकें (BOOKS) दी जाएंगी। इसके लिए सभी स्कूल के प्राचार्यों को छात्र-छात्राओं की पूरी जानकारी आधारकार्ड सहित पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। इसकी मॉनीटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। अगर कोई प्राचार्य फर्जी छात्र संख्या के आधार पर पुस्तकें लेेने का दोषी पाया जाता है तो विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही सभी स्कूल प्राचार्यों को पूर्व के वर्षों में उपलब्ध कराई गई पुस्तकों का ब्योरा भी देना होगा। उन्हें बताना होगा कि किस छात्र को कौन-सी किताब दी गई, बाद में वह किताब स्कूल में जमा कराई गई कि नहीं। 

पुस्तकों का समायोजन करने के बाद ही शेष पुस्तकें दी जाएं। स्कूल द्वारा विमर्श पोर्टल पर दर्ज संख्या से अधिक पुस्तकें मांगी जाती हैं, तो स्कूल द्वारा वास्तविक पोर्टल पर दर्ज करने के बाद ही संख्या से अधिक पुस्तकें दी जाएं। स्कूल को पुस्तकें देने के बाद उनकी प्रविष्टि तुरंत पोर्टल पर की जाए। और प्रिंट आउट निकालकर प्राचार्य और शिक्षक के हस्ताक्षर लिए जाएं। 

NCERT की पुस्तकें स्वीकृत 

अधिकारियों के अनुसार भविष्य में पाठ्य पुस्तकों की मांग किसी भी विकासखंड के लिए तब तक स्वीकृत नहीं की जाएगी, जब तक जिले में कुल प्राप्त पुस्तकों एवं नामांकन का विश्लेषण नहीं कर लिया जाए। साथ ही अतिरिक्त पुस्तकों की मांग प्रपत्र में भरकर देनी होगी। कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल, मनोविज्ञान विषय की एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू की जा रही हैं। इसलिए पुस्तकें जल्द स्कूलों को मिलें, इसलिए निगम को आदेश दिए गए हैं। स्कूल में किताबों के स्टॉक के बारे भी प्राचार्यों को बताना होगा। इस जानकारी के आधार पर ही नई किताबों का स्टॉक तय किया जाएगा। 

पुराना डाटा उपलब्ध कराना होगा 

पोर्टल पर दर्ज संख्या के आधार पर ही स्कूल प्राचार्यों को पुस्तकें मिलेंगी। इस डाटा के लिए सभी डीईओ को निर्देश दिए गए हैं। हमने पुरानी पुस्तकों का रिकॉर्ड भी मांगा है।
जयश्री कियावत, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय 

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