ऐसी हरकतों से प्रजातंत्र नहीं बचेगा | EDITORIAL by Rakesh Dubey

भोपाल। प्रदेश में आठ संसदीय क्षेत्रों मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ में आज मतदान हो रहा है। लोकसभा के ये चुनाव वैसे तो भाजपा के सामने मध्यप्रदेश एक बड़ी चुनौती हैं पर कांग्रेस और उसके कद्दावर कहे जाने वाले नेताओं की नाक और साख का भी सवाल है। कांग्रेस के गुटीय क्षत्रप दिग्विजय, सिंधिया, कमलनाथ, अजय सिंह (Digvijay, Scindia, Kamal Nath, Ajay Singh) और खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) द्वारा किये गये सारे प्रयासों का नतीजा सामने आयेंगे। इन प्रयासों दौरे, जनसम्पर्क, रोड शो, मन्दिर मस्जिद भ्रमण, मिर्ची यज्ञ जैसे टोटके भी शामिल है। भाजपा भी पीछे नहीं है, सवाल यह है कि देश की राजनीति में यह सब होगा तो प्रजातंत्र कहाँ रहेगा? यह सवाल आम नागरिक का है, जिसका उत्तर कोई भी नेता नहीं दे रहा है। इससे जुड़ा एक और सवाल उपजता है। अंध विश्वास, जातिवाद, प्रलोभन से जुगाड़े गये मत क्या देश को कोई दिशा दे सकेंगे ? 

कहने को भाजपा पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव में 15 साल की सत्ता खो दी। राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान खेत और गांवों में संकट के मुद्दे बहुत अधिक हावी थे। ये मुद्दे जस के तस है। प्रधानमंत्री मोदी तक कांग्रेस पर किसानों को कर्ज माफी के झूठे वादे के नाम पर मतदाताओं को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। बचाव में कांग्रेस जो कुछ कह रही है या कर रही है। अपर्याप्त है। दोनों दलों की प्राथमिकता जन सामान्य को राहत देना होना चाहिए था, लेकिन विधानसभा परिणाम के बाद कांग्रेस सत्ता मद में आ गई और भाजपा निराशा में | इसका लाभ उन लोगों ने उठाया जो वोट कबाड़ने के ठेके लेते हैं या प्रजातांत्रिक समाज के मतदान जैसे कार्य को अपने कथित टोटकों से बदलने का दावा करते हैं। वोट प्राप्त करने की कसौटी का मूल तत्व, पिछला कार्य और भावी योजना पर तथ्यहीन आरोप और अनर्गल प्रलाप हावी रहा। 19 मई को होने वाले अंतिम चरण में इसके सुधरने के आसार अत्यंत कम हैं |

आज जिन आठ लोकसभा सीटों में पर चुनाव होने जा रहे हैं। 2014 में भाजपा ने इनमें से सात सीटों पर जीत हासिल की थी , और कांग्रेस को महज एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा था। राज्य में कांग्रेस की सत्ता होने से राज्य सरकार से लोकप्रिय काम से उम्मीद की जा रही थी जो हो न सके। भाजपा अपने गढ़ को बचाने में लगी है ।पार्टी और उम्मीदवार से ज्यादा “मोदी फैक्टर” इन सीटों पर दिखता है। नतीजे तन्त्र मन्त्र, उथली बातें, लोक लुभावन नारों आदि में से आएगा जिसकी अब सबको प्रतीक्षा है। यह नतीजे कम से कम कुछ बड़े लोगों के मुगालते दूर कर देंगे |

वैसे आज भोपाल और गुना लोकसभा सीट पर सबकी नजरें लगी हुई हैं। भोपाल में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मैदान में हैं। गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ रहे हैं, सिंधिया 2002 से गुना लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भाजपा ने गुना सीट से केपी यादव को मैदान में उतारा है। चुनाव परिणाम क्या होगा ? यह तो समय बतायेगा आज तो जिन सीटों पर मतदान है आप उस क्षेत्र के मतदाता हैं तो मतदान जरुर कीजिये। इससे ही लोकतंत्र को प्रभावित करने वाली अलोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर रोक लगेगी।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
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