नई दिल्ली। चुनाव आयोग का बड़ा फैसला आ रहा है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं भाजपा में पीएम नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे सबसे लोकप्रिय स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ और बसपा की एकमात्र सर्वेसर्वा मायावती को आचार संहिता का दोषी पाया गया है। दोनों को लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रकार का प्रचार करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार चुनाव आयोग की ये रोक 16 अप्रैल से शुरू होगी। जो कि योगी आदित्यनाथ के लिए 72 घंटे और मायावती के लिए 48 घंटे तक लागू रहेगी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती ना ही कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे। चुनाव आयोग का एक्शन 16 अप्रैल सुबह 6 बजे शुरू होगा। चुनाव आयोग के फैसले से साफ है कि योगी आदित्यनाथ 16, 17 और 18 अप्रैल को कोई प्रचार नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा मायावती 16 और 17 अप्रैल को कोई चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी।
मायावती ने क्या गलती की थी
बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के देवबंद में चुनावी सभा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों से वोटों के लिए अपील की थी। मायावती ने अपने संबोधन में कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपना वोट बंटने ना दें और सिर्फ महागठबंधन के लिए वोट दें। मायावती का ये बयान धर्म के नाम पर वोट मांगने के नियम का उल्लंघन माना गया है।
योगी आदित्यनाथ ने क्या गलती की थी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक संबोधन में मायावती पर हमला करते हुए कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें बजरंग बली पसंद हैं। दोनों नेताओं के इन बयानों पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था और दोनों नेताओं को हिदायत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
आपको बता दें कि सोमवार सुबह ही सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के देवबंद रैली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई थी। अदालत की तरफ से चुनाव आयोग को फटकार लगाई गई थी कि आयोग ने अभी तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहा है।