भोपाल। प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर देय एरियर की द्वितीय किश्त का भुगतान मई माह में होना है लेकिन वित विभाग के हवाले से 41% वेतननिर्धाण लंबित रहते विलंब हो सकता है। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि सातवें वेतनमान का निर्धारण कोषलेखा से कर्मचारियों के सेवाअभिलेख में कराने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख एवं आहरण संवितरण अधिकारियों की है।
प्रथम किश्त भुगतान के समय ही वित विभाग ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी कर दिये थे। लचर कार्यप्रणाली के कारण अभी भी 41% कर्मचारियों के वेतननिर्धाण प्रकरण सेवाअभिलेख कोषलेखा में लंबित हैं। प्रक्रियागत कमियों का खामियाजा कर्मचारी क्यों भुगते। वित विभाग से निवेदन है कि कर्मचारियों को प्रथम किश्त के समान ही द्वितीय किश्त का भुगतान मई माह के प्रथम सप्ताह में सुनिश्चित किया जावे। समायोजन की स्थिति बनती है तो अंतिम तृतीय किश्त में ध्यान रखा जाए। वेतननिर्धाण अनुमोदन के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए।
कोताही बरतने पर जवाबदेही तय कर योग्य अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान हो, लेकिन कर्मचारियों को समय पर भुगतान न करना अन्याय होगा। इस पर गंभीरतापूर्वक निर्णय लिया जाकर आदेश प्रसारित किये जाने चाहिए।