सीधी व नरसिंहपुर कलेक्टर और छतरपुर एसपी की EC में शिकायत | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है। आयोग को की गई शिकायत में कहा गया है कि कलेक्टर पार्टी के कार्यकर्ताओं को जानबूझकर प्रताड़ित कर रहे हैं, इसलिए निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उन्हें तत्काल हटाया जाए। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इसके अलावा मंत्रियों द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन, भाजपा कार्यकर्ताओं से बांड भराए जाने तथा छतरपुर एसपी के संबंध में भी शिकायत की है। भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पहुंचा और नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के संबंध में लिखित शिकायत आयोग को सौंपी। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लुणावत, पूर्व मंत्री श्री जालमसिंह पटेल, श्री शांतिलाल लोढ़ा, श्री एसएस उप्पल, प्रदेश प्रवक्ता श्री राहुल कोठारी, श्री सुनील पाण्डे शामिल थे। 

नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना भाजपाईयों को प्रताड़ित कर रहे हैं

शिकायत में कहा गया है कि नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना जब से यहां आए हैं, पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि पिछले तीन महीने से कलेक्टर कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व किसी भी कार्यक्रम में प्रोटोकाल के तहत सांसद, विधायक को नहीं बुलाया। किसी भी नाम पट्टिका पर सांसद, विधायक का नाम नहीं लिखा गया। उसके बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दायर करने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व मंत्री श्री जालमसिंह पटेल के खिलाफ अपहरण का फर्जी मुकदमा दायर किया गया है, जबकि पुलिस जिस व्यक्ति का अपहरण बता रही है, उसने थाने, एसडीएम और कोर्ट में बयान दिया है कि मेरा कोई अपहरण नहीं हुआ है। प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर दीपक सक्सेना के खिलाफ कार्यवाही करके उन्हें चुनाव कार्य से पृथक किए जाने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि उनके रहते नरसिंहपुर में लोकसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते हैं।

बूथ जिताओ और नौकरी पाओ और मोदी पर अभद्र टिप्पणी

पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से भोपाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी दिग्विजय सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा, जयवर्धन सिंह एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा के विरूद्ध आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन किए जाने पर कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही मंत्री गोविन्द राजपूत द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने की शिकायत चुनाव आयोग से की है। शिकायत में कहा गया है कि 3 अप्रैल को कमलनाथ सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को जिताने पर बूथ पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को नौकरी का ऑफर दिया और नारे लगाए ‘बूथ जिताओ और नौकरी पाओ’। उक्त कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह उपस्थित थे और उनकी मौजदूगी में सब कुछ हुआ। प्रतिनिधिमंडल ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार का लालच नहीं दिया जा सकता। प्रतिनिधिमंडल ने शिकायत के साथ समाचार पत्रों में प्रकाशित संबंधित समाचार की प्रतिलिपि एवं वीडियो भी चुनाव आयोग को सौंपी है।

सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के खास हैं

भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह को भी हटाने की मांग की है। निर्वाचन आयोग को दिए गए पत्र में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति कांग्रेस के नेता अजय सिंह ने करवाई है। पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग की अनुमति के बिना जिले में झंडे-बैनर लग रहे हैं और गाडियां घूम रही हैं। इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं को जबरन थाने में बैठाया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह को तुरंत हटाया जाए।    

छतरपुर एसपी तिलकराज सिंह कांग्रेस विधायक के रिश्तेदार हैं

भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से छतरपुर पुलिस अधीक्षक तिलकराज सिंह को हटाए जाने की मांग की है। निर्वाचन आयोग को की गयी शिकायत में गया है कि पुलिस अधीक्षक तिलकराज सिंह अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश प्रताप शाह के संगे संबंधी एवं निकट के रिश्तेदार हैं। तिलकराज सिंह निर्वाचन कार्य में संलग्न है तथा निर्वाचन का यह नियम है कि विधायक या प्रत्याशी के रिश्तेदार कहीं पर भी पदस्थ हों, उन्हें निर्वाचन कार्य में नहीं रखा जाता। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक तिलकराज सिंह को चुनाव कार्य से अलग किया जाए और उन्हें छतरपुर से हटाकर पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया जाए।

भाजपा कार्यकर्ताओं से बांड भरवाए जा रहे हैं

एक अन्य शिकायत में प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से कहा कि लोकसभा निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने हिसाब से सभी जिलों में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों की पदस्थापना की थी, ताकि अधिकारी उन्हें लोकसभा चुनाव में मदद कर सके। भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस संबंध में कुछ अधिकारियों की शिकायतें की गयी थी, जिसके फलस्वरूप कुछ अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया था, लेकिन अब भी अधिकांश जिलों के अधिकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ पर अपना प्रभाव स्थापित करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। जिलाबदर की कार्यवाही की जा रही है, थाने में जबरन बैठाया जा रहा है। उनके घरों की तलाशी बिना किसी कारण से की जा रही है ताकि वे हताश होकर पार्टी का काम न कर सके। शिकायत में कहा गया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं से सुरक्षा के नाम पर बांड भरवाए जा रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। डीजीपी और उनके मुख्य सचिव ने अलग-अलग नंबर के मोबाइल रखे हैं। इन मोबाइल के द्वारा दोनों अधिकारी अपने कर्त्तव्य से विमुख होकर कांग्रेस पक्ष के हित में काम कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दोनों अधिकारियों द्वारा उपयोग किए जा रहे मोबाइल एवं टेलीफोन की जांच की जाए तो सच्चाई सबके सामने आ सकती है।

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