भोपाल। प्रदेश कांग्रेस ने ग्राम सभा की अनिवार्य बैठक की ओर निर्वाचन आयोग का ध्यान दिलाते हुए मार्गदर्शी हस्तक्षेप की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर ध्यान दिलाया है कि ग्राम सभा की अनिवार्य बैठकें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गांधी जयंती (2 अक्टूबर) और डॉ। अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) को होती हैं। आगामी 14 अप्रैल डॉ अंबेडकर जयंती पर होने वाली ग्राम सभा की अनिवार्य बैठक के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट नही है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग का हस्तक्षेप चाहते हुए मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की मांग की है। पत्र में आयोग का ध्यान दिलाया गया है कि ग्राम सभा एक संवैधानिक और स्थायी निकाय है। निचले स्तर पर लोकतंत्र की आधारशिला है। ग्राम सभा विकास कार्यक्रमों की योजना, कार्यान्वयन और निगरानी से गहरे जुड़ी है। पत्र में कहा गया है कि ग्राम सभा की अपनी संवैधानिक स्थिति है और वह सर्वोच्च संस्था है। यह संविधान से अपनी शक्तियों को लेती है इसलिए इस पर किसी भी दिशानिर्देशों का अनुपालन थोपा नही जा सकता।
भारतीय संविधान में 73 वें संशोधन ने संविधान सभा में अनुच्छेद 40 के माध्यम से राज्य ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाया गया है। मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम और ग्राम स्वराज अधिनियम 1994 ने संवैधानिक आदेश का सम्मान किया है । ग्राम सभा को अधिकार दिया गया है, जो एक कानूनी इकाई है।
आयोग से मार्गदर्शन लिया गया है कि
1- क्या चुनाव आचार संहिता लागू होने पर ग्राम सभा की बैठक हो सकती है?
2- क्या चुनाव आयोग के दिशानिर्देश/निर्देश ग्राम सभा के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी हो सकते हैं?
3- अगर ग्राम सभा राजनीतिक एजेंडे पर बैठक करती है, तो क्या उन्हें चुनाव आयोग से ऐसा करने के लिए कहा जा सकता है?
4- यदि ग्राम सभा के विवेक पर सवाल नही उठाया जा सकता तो चुनाव आयोग जनहित में क्या कदम उठाएगा?