भोपाल। भारतीय जनता पार्टी को भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के सामने उतारने के लिए कोई नाम नहीं मिला। एक बार फिर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर विचार किया जा रहा है। आरएसएस सहित तमाम समीक्षक चाहते हैं कि भाजपा की तरफ से दिग्विजय सिंह के सामने एक हिंदू चेहरा उतरा जाना चाहिए। भाजपा के पास उमा भारती के अलावा ऐसा कोई चेहरा नहीं है जो हिंदुत्व का परिचय भी हो और दिग्विजय सिंह पर हमले भी कर सके। इसलिए एक बार फिर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर में संभावनाओं की तलाश की जा रही है।
भोपाल सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है। बीजेपी यहां 1989 से ही जीतती आ रही है। कांग्रेस इस सीट से अंतिम बार 1984 के चुनाव में जी थी। इसके बाद से लगातार भाजपा का कब्जा बना हुआ है। भाजपा किसी भी कीमत पर इस सीट को छोड़ना नहीं चाहती। इसके अलावा भाजपा चाहती है कि दिग्विजय सिंह को पूरी तरह से ना केवल फंसा दिया जाए बल्कि चुनाव में हराकर दिग्विजय सिंह की राजनीति को ही समाप्त कर दिया जाए।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर इतना विचार क्यों कर रही है भाजपा
मालेगांव ब्लास्ट में चर्चा में रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम मीडिया की ओर से चलाया गया था। वो खुद भी भोपाल से दावेदारी जता चुकीं हैं। आरएसएस को भी यह नाम पसंद आया था परंतु भाजपा ने कदम पीछे खींच लिए थे। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का मुखर होना रहा। भाजपा नेतृत्व नहीं चाहता कि उसके सांसदों में एक भी ऐसा हो जो उसकी लाइन से हटकर अपनी लाइन बनाए। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक ऐसा नाम है जो राजनीति की परंपराओं का पालन करेंगी, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती। सूत्रों का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा की बीजेपी उम्मीदवारी पर मीटिंग्स में चर्चा हुई है। भाजपा चाहती है कि उम्मीदवारी घोषित होने से पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भाजपा के रीति नीति और तरीकों को समझ लें ताकि बाद में कोई दिक्कत ना हो।