भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सीएम कमलनाथ की दोस्ती कौन नहीं जानता। हाल ही में सीएम कमलनाथ, शिवराज सिंह चौहान को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उनके घर तक चले गए थे। वो खाली हाथ नहीं गए थे। एक शानदार बर्थडे गिफ्ट भी ले गए थे। सीएम कमलनाथ ने अपने मित्र शिवराज सिंह चौहान की राजनीति में रोड़ा बनकर सामने आए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का घेराव शुरू कर दिया है। सिंहस्थ घोटाला, नर्मदा प्लांटेशन घोटाला और मंदसौर किसान गोलीकांड में शिवराज सरकार को क्लीनचिट देने वाली कमलनाथ सरकार ने गोपाल भार्गव के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में जांच के आदेश दिए हैं।
बताया जा रहा है कि सभी मामले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के हैं। गोपाल भार्गव, इस विभाग के मंत्री हुआ करते थे। इधर गोपाल भार्गव का कहना है कि सरकार सभी मामलों की सीबीआई जांच करा ले, एक भी मामले में दोषी मिलूं तो फांसी पर चढ़ा देना। ध्यान दिला दें कि पंडित गोपाल भार्गव की नेता प्रतिपक्ष के पद पर नियुक्ति शिवराज सिंह चौहान की मर्जी से खिलाफ हुई है। शिवराज सिंह चौहान लगातार यह कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा और विधायक दल पर उनका कब्जा बरकरार रहे। वो खुद नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते थे परंतु विरोधियों की लॉबिंग के चलते शिवराज रेस से बाहर हुए।
शिवराज सिंह समेत मंत्रीमंडल के खिलाफ कोई जांच आदेश नहीं
काबिल ए गौर बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने शिवराज सिंह सरकार पर जितने भी घोटालों के आरोप लगाए थे, उनमें से किसी भी मामले में अब तक कोई जांच आदेश नहीं दिया गया है। व्यापमं कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा मुद्दा था, परंतु अब कमलनाथ सरकार व्यापमं पर वही रुख अपना रही है जो शिवराज सिंह सरकार का हुआ करता था। हालात यह हैं कि कांग्रेस के वो तमाम नेता जो शिवराज सिंह सरकार के भ्रष्टाचार के सबूत जुटाकर लाए थे, अब निराश हो गए हैं।