भोपाल। राजस्थान के सट्टा बाजार ने भाजपा को 250 से ज्यादा सीटें मिलने का पूर्वानुमान लगाया था। अब मध्यप्रदेश क कट्टा किंग की तरफ से खबर लीक हुई है। मप्र के सट्टा बाजार में भाजपा को 246 से 249 के बीच सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। कांग्रेस को 76 से 78 सीटें मिलने का अनुमान है। राजनीति में विभिन्न ऐजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट से ज्यादा सट्टा बाजार की भविष्यवाणियों को महत्व दिया जाता है।
विधानसभा चुनाव में सटीक था सटोरियों का अनुमान
इससे पहले सट्टा बाजारों ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अनुमान लगाया था कि बीजेपी को 102 और कांग्रेस को 116 सीटें मिलेंगी। आश्चर्यजनक रूप से परिणाम लगभग ऐसे ही थे और कांग्रेस को 114 तो बीजेपी को 109 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, लोकसभा चुनाव का गणित काफी अलग है और तब से लेकर अब तक काफी कुछ बदल भी गया है। अभी पूरी तरह से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी नहीं हुआ है। मध्य प्रदेश में तो बीजेपी और कांग्रेस ने एक भी कैंडिडेट के नाम का ऐलान नहीं किया है लेकिन सट्टा बाजार का मानना है कि प्रदेश की 29 सीटों में से 21 सीटों पर बीजेपी को जीत मिलेगी। हालांकि, दोनों ही पार्टियों का कहना है कि उनकी पार्टी इससे ज्यादा सीटें जीत रही है।
बीजेपी को 246 सीटें-दोगुने का चल रहा रेट
सट्टेबाजों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हो सकता है कि ये ट्रेंड नतीजों के रूप में सामने ना आएं लेकिन बाजार में बीजेपी के नाम पर सट्टा लग रहा है। सट्टा इस बात पर भी लग रहा है कि बीजेपी को कांग्रेस से तीन गुनी ज्यादा सीटें मिलेंगी। सट्टा बाजार से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'अगर कोई बीजेपी पर सट्टा लगाता है और पार्टी 246 से कम सीटें जीतती है तो उसे लगाए गए पैसों का दोगुना मिलेगा और अगर बीजेपी को 246 या उससे ज्यादा सीटें मिल गईं तो उसे एक भी पैसा नहीं मिलेगा।'
अभी तक पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नाम को लेकर माथापच्ची कर रही हैं लेकिन सट्टा बाजार में माहौल गरम है। एक सट्टेबाज ने कहा, 'इस चुनाव में मार्केट अच्छा है। टिकट बंटने के बाद रेट में फेरबदल हो सकता है लेकिन हमें उम्मीद है कि चुनाव नतीजों को लेकर ट्रेंड यही रहने वाला है। हम एनडीए, यूपीए या थर्ड फ्रंट पर सट्टा नहीं लगा रहे हैं। सट्टा पार्टियों के परफॉर्मेंस पर लगाया जा रहा है।'
हर चुनाव में सैकड़ों करोड़ का कारोबार करता है सट्टा बाजार
गौरतलब है कि हर चुनाव में सट्टा बाजार में सैकड़ों करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। फोन, मोबाइल, इंटरनेट और मोबाइल ऐप्लिकेशन पर सट्टा बाजार चलता है, जिसके चलते पुलिस के लिए इसको रोक पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। शायद यही कारण है कि आजतक मध्य प्रदेश में चुनाव से जुड़े किसी सट्टेबाजी गैंग का भंडाफोड़ नहीं हुआ है। राजधानी भोपाल में ही प्रतिदिन सट्टेबाजी से जुड़े लगभग तीन केस दर्ज कराए जा रहे हैं। वैसे तो सट्टेबाजी सबसे ज्यादा क्रिकेट में होती है लेकिन चुनावी सीजन में क्रिकेट पीछे छूट गया है।
इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट को पकड़ना बड़ी चुनौती है क्योंकि ये लोग अपनी लोकेशन बदलते रहते हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी को घर, कैफे, कार या किसी भी जगह से चलाया जा सकता है। भोपाल जोन-2 के एएसपी संजय साहू ने कहा, 'चुनावी सट्टेबाज और बुकी ज्यादातर बड़े शहरों से ऑपरेट करते हैं। भोपाल में कोई चुनावी सट्टेबाजी का रैकेट नहीं है। फिर भी हमें कोई जानकारी मिलती है तो हम इसके खिलाफ ऐक्शन लेंगे। इसके लिए पहले से ही एक टीम काम कर रही है और पिछले 10 दिनों में कई गैंग्स का पता भी चला है लेकिन वे लोकसभा चुनाव के लिए सट्टेबाजी नहीं कर रहे हैं।'