भोपाल। आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति शाखा द्वारा की गई छानबीन में अशोकनगर निवासी मजदूर कल्याण उर्फ कल्ला सहरिया के नाम भोपाल में 25 करोड़ की जमीन निकली। कल्ला ने अपने बयान में बताया कि वो तो बीपीएल कार्डधारी गरीब है। उसकी मासिक आय 1500 रुपए महीने है। जांच में पता चला कि जमीन के असली मालिक बिल्डर शशिशंकर शर्मा एवं विकास शर्मा हैं। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति को अटैच कर लिया है।
कल्ला के करोड़पति होने की सूचना मुखबिर ने आयकर विभाग को दी थी। इस टिप के आधार पर विभाग की बेनामी संपत्ति शाखा के अफसरों ने अशोकनगर निवासी कल्याण उर्फ कल्ला सहरिया से पूछताछ शुरू की तो बिल्डर शशिशंकर शर्मा और विकास शर्मा के नाम सामने आए। अफसरों ने इन दोनों से भी पूछताछ की, लेकिन तीनों अफसरों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसे देखते हुए बेनामी संपत्ति शाखा ने पूरी जमीन को अटैच करने का निर्णय लिया है। जमीन अटैच करने के बाद विभाग बारीकी से मामले की जांच करेगा।
साढ़े छह करोड़ में खरीदी थी जमीन
आयकर विभाग के सूत्र बताते हैं कि बिल्डरों ने वर्ष 2008 से 2011 के बीच हुजूर तहसील अंतर्गत कोलार से सटे ग्राम महाबड़िया, दौलतपुरा और केकड़िया में अलग-अलग 50 प्रापर्टी खरीदी थीं। इस तरह कुल 22 एकड़ जमीन खरीदी गईं। इस संपत्ति का उस समय साढ़े छह करोड़ रुपए मूल्य था। वर्तमान में कोलार नगर विकसित हो गया है और इन गांवों तक कॉलोनियां बनने लगी हैं। जिस वजह से इस प्रॉपर्टी के दाम चार गुना तक बढ़ गए हैं।
आदिवासियों से खरीदी जमीन
सूत्र बताते हैं कि तीनों ग्रामों की यह जमीन आदिवासियों से खरीदी गई है। यही कारण है कि बिल्डरों ने कल्याण उर्फ कल्ला सहरिया को माध्यम बनाया। दरअसल, प्रदेश में ऐसा कानून है कि आदिवासियों की जमीन को दूसरे वर्ग के लोग नहीं खरीद सकते हैं। माना जा रहा है कि इसीलिए बिल्डरों ने कल्ला का इस्तेमाल किया।
बीपीएल कार्डधारक है कल्ला
25 करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक कल्ला बीपीएल कार्डधारक है। वह एक रुपए किलो गेहूं, चावल सहकारी दुकान से खरीदता है। वर्ष 2010 से पहले उसकी मासिक आय 300 रुपए थी। वर्ष 2010 में हुए गरीबी रेखा के सर्वे में कल्ला ने अपनी मासिक आय 1500 रुपए महीना दर्ज कराई है।