689 टेंडर कांड में उलझ गई कमलनाथ सरकार, चुनाव आयोग ने जवाब मांगा | MP NEWS

भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाने के बाद 11 से 13 मार्च के बीच 23 विभागों द्वारा कुल 689 टेंडर जारी किए। भाजपा ने इसकी शिकायत की थी। अब चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर सवाल किया है कि आचार संहिता का उल्लंघन कर कैसे टेंडर जारी किए गए। इस बारे में जानकारी मांगी गई है। 

भाजपा विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शांतिलाल लोढ़ा ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को शिकायत की थी जिसमें कहा गया था कि विभिन्न विभागों में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद विशेषतौर पर निर्माण विभागों के अफसरों ने टेंडर जारी किए जो आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा की ओर की गई शिकायत में कहा गया है कि यह लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गया है। लोढ़ा ने कहा कि आचार संहिता के दौरान टेंडर जारी किए गए जिनके काम अभी तक चल रहे हैं। लोढ़ा का कहना था कि बगैर चुनाव आयोग की अनुमति के टेंडर जारी किए जाने की प्रक्रिया नहीं हो सकती। 

जीएडी ने 23 विभागों से मांगी जानकारी 

चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए जांच प्रतिवेदन में हरकत मेें आए सामान्य प्रशासन विभाग ने लोक निर्माण, गृह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम समेत अन्य 23 विभागों से जानकारी मांगी है। जीएडी ने इन विभागों के अफसरों से कहा है कि विभाग जो भी काम किए जा रहे हैं और आगे कराया जाना है, उनकी चुनाव आयोग से स्वीकृति लें। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि जरूरी काम ही कराएं और उनकी सूची पहले चुनाव आयोग को भेजें। स्वीकृति मिलने पर ही काम शुरू करें। 

वीएल कांताराव, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश 
प्रदेश सरकार से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। आखिर चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद टेंडर कैसे जारी किए गए। इस बारे में आयोग को शिकायत प्राप्त हुई थी। 

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