MPTET: अंग्रेजी साहित्य का पेपर नियम विरुद्ध था, दोबारा कराएं | MP NEWS

भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने बीते तीन फरवरी को द्वितीय पाली में अंग्रेजी साहित्य विषय की परीक्षा का आयोजन कराया था। इस परीक्षा में हजारों आवेदक शामिल हुए थे। बोर्ड ने पिछले साल अक्टूबर 2018 में जो नियम-निर्देश पुस्तिका जारी की थी, उसमें उल्लेख था कि यह परीक्षा स्नातक स्तर की होगी। जब आवेदकों ने प्रश्न हल करने शुरू किए, तो पता चला कि सवालों का स्तर नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) के बराबर का है। 

परीक्षा के बाद जब आवेदकों को मौके पर ही ऑनलाइन अंक दर्शाए गए, तो पता चला कि कई आवेदक फेल हो गए हैं, क्योंकि उन्हें पास होने के लिए 150 में से 90 मार्क्स पर पास माना जाएगा। इसी प्रकार 6 फरवरी को गणित विषय की परीक्षा के प्रश्नों को लेकर हजारों उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई की है। उनका आरोप है कि बोर्ड ने परीक्षा का जो सिलेबस जारी किया था, उसके अनुसार प्रश्न पूछे ही नहीं गए। बोर्ड के सिलेबस अनुसार गणित विषय के लिए 80 फीसदी प्रश्न स्नातक स्तर और 20 फीसदी कक्ष नवीं से बारहवीं तक के होना थे। सिलेबस में कुल यूनिट 27 थीं। इनमें से 25 यूनिट बीएससी के कोर्स पर अाधारित थीं। 

लेकिन इस बार पूरा पेपर कक्षा नवीं से लेकर बारहवीं के कोर्स से तैयार कर लिया गया। कुछ आवेदकों की शिकायत पर डीबी स्टार टीम ने इस संबंध में अफसरों से सवाल किए, तो उनका कहना था कि आवेदकों की आपत्ति हमारे पास आई है। हम इस मामले का परीक्षण करा रहे हैं। उसके बाद ही बोर्ड कोई निर्णय ले पाएगा। 

2.20 लाख आवेदक हो रहे शामिल 
परीक्षा में 2.20 लाख आवेदक शामिल हो रहे हैं। इसमें जनरल कैटेगरी के आवेदकों के लिए 60 प्रतिशत पासिंग मार्क्स यानी 90 अंक रखे गए हैं। वहीं एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 75 अंक अनिवार्य किया गया। इसके बावजूद एससी, एसटी और ओबीसी के आवेदक इस परीक्षा में पास नहीं हो पाए हैं। ऐसे में ये आवेदक मांग कर रहे हैं कि पासिंग मार्क्स की बाध्यता को और कम किया जाए। 

बायो विषय में भी आपत्ति 
अंग्रेजी साहित्य के अलावा तीन फरवरी को ही आयोजित की गई बायो विषय की परीक्षा में भी अधिकतर आवेदकों ने आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों का आरोप लगाया है। आवेदकों का कहना है कि वे पिछले 10 वर्षों से अध्यापन कार्य कर रहे हैं और कोचिंग का संचालन भी कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रश्न-पत्र को हल करना बहुत मुश्किल था। इस परीक्षा में भी 80 प्रतिशत से अधिक आवेदक फेल हुए हैं। 

आपत्तियों का परीक्षण करा रहे 
आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों के संबंध में हमारे पास कई आवेदकों की आपत्तियां आ रही हैं। हम विशेषज्ञों से उनका परीक्षण करा रहे हैं। इसके बाद सही तथ्य मिलने पर बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाएगा। छात्र हित में जो संभव हो सकेगा, हम वह कार्रवाई करेंगे। एकेएस भदौरिया, परीक्षा नियंत्रक, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड 

इनका कहना है 
पिछले कई वर्षों से हम इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए बाहर जाकर कोचिंग भी की। लेकिन परीक्षा में पूछे प्रश्नों से हमारा मेरिट में आना तो दूर पास होना भी मुश्किल है। बोर्ड का यह रवैया हमारे करियर से खिलवाड़ है। हमारी मांग है कि दोबारा परीक्षा सिलेबस अनुसार कराई जाए। सतीश, पंकज, अनूप, सुरभि, शिकायतकर्ता परीक्षार्थी 

फेल हो सकते हैं 
उच्च शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी 50 से अधिक आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछे गए हैं, जिसके कारण कई आवेदक नौकरी के मौके से वंचित हो रहे हैं। फिर भी बोर्ड प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे मंे मेरे जैसे कई आवेदक इस परीक्षा में फेल हो सकते हैं। जो सिलेबस दिया है, उसी के अनुसार प्रश्न पूछे जाने चाहिए। भूपेंद्र सिंह, अनिल कौशिक, आवेदक 

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