अब प्रभारी मंत्री करेंगे जिला स्तरीय तबादले, आदेश जारी | MP NEWS

भोपाल। प्रदेश सरकार ने प्रभारी मंत्रियों को तबादला करने के अधिकार दे दिए हैं। वे जिले के भीतर तृतीय श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले कर सकते हैं। कलेक्टर ऐसे मामलों की सूची बनाकर प्रभारी मंत्री को प्रस्तुत करेंगे और उनके अनुमोदन से तबादले हो जाएंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की इजाजत मिलने के बाद शुक्रवार को तबादला नीति 2017-18 के एक प्रावधान में संशोधन कर दिया है। उधर, चुनाव आयोग ने तीन साल से एक स्थान पर जमे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाकर प्रमाणपत्र 20 फरवरी तक मांगा था, जो शासन ने नहीं दिया।

मंत्रियों और कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से जिले के भीतर छुट-पुट तबादला करने की मांग की थी। इसके लिए मंत्रियों ने तबादला नीति में छूट देने का मुद्दा कैबिनेट बैठक में भी उठाया था। लोकसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आते देख कार्यकर्ता भी इसके लिए मंत्रियों और विधायकों पर दबाव बना रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने तबादला नीति 2017-18 के एक भाग में संशोधन कर दिया है।

अब प्रतिबंध अवधि में तहसील संवर्ग का तहसील के भीतर और जिला संवर्ग का जिले के भीतर प्रशासनिक दृष्टि से कलेक्टर प्रभारी मंत्री का अनुमोदन लेकर तबादले कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री समन्वय से आदेश लेने की जरूरत नहीं होगी। अभी इस तरह के तबादले अत्यावश्यक होने पर ही किए जाने का प्रावधान था।

उधर, चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शासन को एक स्थान पर तीन साल से पदस्थ अधिकारियों के तबादले करने के निर्देश दिए थे। इसमें कमिश्नर से लेकर सब इंस्पेक्टर तक उन अधिकारियों के तबादले होने थे जो सीधे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े होते हैं।

इसकी रिपोर्ट 20 फरवरी तक मांगी गई थी। इसमें सामान्य प्रशासन, गृह और राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप यादव ने बताया कि शासन की ओर से अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है।

तबादला पर से हटा प्रतिबंध

शुक्रवार को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होने के बाद तबादलों पर से चुनाव आयोग का प्रतिबंध हट गया है। आयोग ने मतदाता सूची के काम को मद्देनजर रखते हुए शासन को निर्देश दिए थे कि 22 फरवरी तक इस काम में लगे अधिकारियों को बिना उसकी अनुमति न हटाया जाए।

इसमें कमिश्नर, कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार,राजस्व निरीक्षक, पटवारी और शिक्षक शामिल थे। हालांकि, इस दौरान सरकार ने कई कलेक्टरों के तबादले चुनाव आयोग से अनुमति लेकर किए।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद एक बार फिर तबादलों पर प्रतिबंध लग जाएगा। सरकार को किसी ऐसे अधिकारी, जो चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा है, को हटाना जरूरी है तो अनुमति लेकर ही तबादला किया जा सकेगा।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !