निष्कासित संविदा कर्मचारियों को बहाल करने 3 विकल्प सुझाए | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। म.प्र. के कर्मचारियों की मांगों को के लिये आज मंत्रालय वल्लभ भवन के पुराने भवन के 506 कक्ष में मंत्रीमंडल के मंत्रियों के समक्ष कर्मचारी संगठनों की मांगों को लेकर बैठक बुलाई गई थी। जिसमें प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा, सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह, गृह मंत्री बाला बच्चन तीनों मंत्रियों के समक्ष म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष रमेश राठौर ने प्रदेश के 72000 (बहत्तर हजार) संविदा कर्मचारियों का पक्ष रखते हुये मंत्री पी.सी. शर्मा, बाला बच्चन, गोविन्द सिंह को अवगत कराया कि म.प्र. के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और निष्कासितों की बहाल करने से म.प्र. सरकार पर कोई भी वित्तीय भार नहीं आयेगा। 

क्योंकि म.प्र. में बहत्तर हजार संविदा कर्मचारी हैं और 1 लाख पद खाली हैं। म.प्र. के संविदा कर्मचारियों को उन पदों पर संविलयन कर दिया जाए। दूसरा आप्शन यह है कि सभी कर्मचारी केन्द्र सरकार की परियोजनाओं में कार्य कर रहे हैं केन्द्र सरकार पैसा दे रही है इसलिए राज्य सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आयेगा। तीसरा आप्शन सरकार को यह दिया कि अधिकांश संविदा कर्मचारी पद के विरूद्व कार्य कर रहे हैं, जो संविदा कर्मचारी पद के विरूद्व कार्य कर रहे है उनको उसी पद पर नियिमित कर दिया जाए। जिन संविदा कर्मचारियों को परियोजना समाप्त होने से हटा दिया गया है या गलत तरीके से हटा दिया गया है उनका पक्ष सुनकर उन्हें विभाग की ही अन्य परियोजनाओं में संविलयन कर दिया जाए जिससे निष्कासित संविदा कर्मचारियों की बहाली भी हो जायेगी। 

मंत्री गोविन्द सिंह, पी.सी. शर्मा, बाला बच्चन ने कहा कि जल्दी ही संविदा कर्मचारियों को नियमित भी किया जायेगा और संविदा कर्मचारियों को वापस भी लिया जायेगा। बैठक में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, उपाध्यक्ष श्रीमति नीलम तिवारी, सचिव रमेश सिंह, सुनील यादव, हितेन्द्र शर्मा, अबरार कुरैषी, अहमद अली खान, हुक्मसिंह यादव, आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।

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