सत्ता बदलते ही चाटुकार नौकरशाह कचरे की तरह किनारे लगा दिए जाते हैं: मुख्य आयकर आयुक्त | bureaucracy

भोपाल। आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त आरके पालीवाल (RK PALIWAL CHIEF COMMISSIONER OF INCOME TAX DEPARTMENT) ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के उन तमाम नौकरशाहों को निशाने पर लिया है जो नेताओं की चाटुकारिता के लिए अपने पद का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने लिखा कि इस तरह के चाटुकार कचरे की तरह किनारे लगा दिए जाते हैं। 

उन्होंने गणतंत्र दिवस को सभी सरकारी अफसरों को नियम-कायदे का पाठ पढ़ाते हुए लिखा है कि हम जनसेवकों से संविधान नीति और नियमों के अनुसार जनसेवी कार्य करने की अपेक्षा करता है। यह एक दुखद सच है कि कुछ जनसेवक नियम कायदों को ताक पर रखकर अपने गॉडफादर आकाओं के हिसाब से काम करने लगते हैं। 

उल्लेखनीय है हाल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की साख पर गंभीर सवाल उठे हैं। पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने अपने यहां सीबीआई के प्रवेश पर ही रोक लगा दी है। पालीवाल भी कुछ माह पहले तक आयकर की इंवेस्टिगेशन विंग के मप्र राज्य के प्रधान निदेशक (अन्वेषण) रहे हैं। 

पालीवाल ने लिखा है कि सत्ता में बैठे गॉडफादर के लिए कुछ भी कर गुजरने वाले अफसर अक्सर भूल जाते हैं कि कुर्सी आनी जानी है। सत्ता बदलते ही जांच एजेंसियों की पहली गाज ऐसे अफसरों पर ही गिरती है। क्योंकि दस्तावेजों पर उन्हीं के नाम की चिड़िया बैठी होती है। हमेशा यस सर, यस सर कहने वालों को कभी कभी "नो सर" भी कहना सीखना चाहिए, जैसे उनके पूर्वज कहते थे।

आदर्श संवैधानिक स्थिति तो यह है कि स्थाई ब्यूरोक्रेसी को अस्थाई सत्ता को नियम कायदे बताने चाहिए। इतिहास बहती नदी की तरह है जो समय के साथ खुद को साफ कर लेता है और कचरे को किनारे लगा देता है। चाटुकार भी देर सवेर कचरे की अवस्था को ही प्राप्त होते हैं। 

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