इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार की राशन वितरण प्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। रतलाम जिले के एक गांव में 7 साल के बच्चे ने जहर पी लिया क्योंकि घर में राशन खत्म हो गया था और वो 10 दिन से लगातार सरकारी राशन वितरण की दुकान पर चक्कर लगा रहा था जहां से उसे 2 रुपए किलो गेंहू मिलना था। दुकानदार हर रोज उसे भगा देता था। अब प्रशासन इस मामले की लीपापोती में लग गया है। पीड़ित पक्ष के बयान बदलावाए जा रहे हैं ताकि सरकारी सिस्टम दोष ना आ जाए।
घटना रतलाम जिले के बाजना के ग्राम पोनबट्टा की है। यहां शनिवार को 7 वर्षीय बालक ने कीटनाशक पी लिया। बच्चे का कहना है घर में गेहूं खत्म हो रहा था। गेहूं लेने 10 दिन से रोज आंबापाड़ा की राशन दुकान जा रहा था। दुकानदार रोज 1-2 दिन बाद आने का कहकर टाल रहा था। राशन नहीं मिलने पर घर में ही कीटनाशक पी लिया। परिजन बच्चे को बाजना अस्पताल लेकर आए यहां से रविवार को जिला अस्पताल रैफर किया।
माता-पिता कोटा मजदूरी करने गए थे
बच्चे के माता-पिता कोटा में मजदूरी करने गए थे। उन्हें ग्रामीणों ने फोन पर जानकारी दी। पिता ने बताया हमारे ऊपर कर्जा है। भाई का फोन आया कि बच्चे ने कीटनाशक पी लिया है। काम छोड़कर घर आया।
मामले की जांच शुरू हो गई है
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा बच्चा खतरे से बाहर है। घटना की जानकारी शनिवार को मिल गई थी। टीआई के बयान में बच्चे ने चचेरे भाई से लड़ाई में कीटनाशक खाना बताया है। बाजना खाद्य अधिकारी व तहसीलदार की टीम से जांच करवा रहे हैं। राशन दुकान से अनाज नहीं मिलना सामने आया तो संबंधित राशन की दुकान पर कार्रवाई की जाएगी। बाजना तहसीलदार रमेश मसारे ने बताया बच्चे ने कीटनाशक क्याें पीया स्थिति स्पष्ट नहीं है। संभवत: वह 21 के बाद राशन लेने गया होगा। आज ही सूचना मिली। जांच शुरू हो गई है।