SANJEEVANI HOSPITAL: सेवा में कमी का दोषी, फोरम ने जुर्माना ठोका | MP NEWS

मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने SANJEEVANI HOSPITAL MANDI एवं उसके डॉक्टर को सेवा में दोषी पाते हुए एक लाख रुपए हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में दवाईयों का खर्चा लौटाने तथा 20000 रुपए शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए हैं। यह फैसला जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजन गुप्ता तथा सदस्यों विभूती शर्मा व आकाश शर्मा ने पद्धर तहसील के पुंडल गवाली की सविता पत्नी नवनीत मेहता की शिकायत पर सुनवाई एवं बहस के बाद दिया। 

अधिवक्ता भंवर भारद्वाज के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के पहले प्रसव के बाद चिकित्सकों ने उन्हें हिदायत दी थी कि वह भविष्य में प्रसव का रिस्क न लें। लेकिन दिसंबर 2015 व जनवरी 2016 में मासिक धर्म से न गुजरने के कारण उन्होंने संजीवन अस्पताल में चिकित्सकों से चेकअप करवाया था, जिन्होंने उसका अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद बताया था कि उन्हें प्रसव नहीं है और उन्हें दवाइयां खाने को दी थी तथा समय-समय पर अस्पताल में चेकअप के लिए आने की हिदायत दी थी, लेकिन मार्च 2016 में उन्हें प्रसव होने की आशंका हुई, जिस पर उन्होने एक अन्य निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाया तो वहां पर उनके प्रसव से होने की पुष्टि हुई। 

उपभोक्ता के मुताबिक संजीवन अस्पताल में चिकित्सीय लापरवाही के कारण उनके प्रसव का पता नहीं लगाया जा सका और उन्हें गलत दवाइयां दी जाती रही। उपभोक्ता को इस अवांछित प्रसव को समाप्त करने एमटीपी का कदम उठाना पड़ा। जिसके कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उक्त अस्पताल उपभोक्ता के प्रसव को बताने में असफल रहा है, जिसके कारण उपभोक्ता को प्रसव को समाप्त करने एमटीपी जैसा कदम उठाना पड़ा। अस्पताल की कार्यप्रणाली निर्धारित मापदंडों से निम्न स्तर की रही है, जो स्पष्ट रूप से चिकित्सकीय लापरवाही है, जिसके चलते फोरम ने अस्पताल की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले एक लाख रुपए हर्जाना व इलाज खर्च ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए हैं।

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