डेढ़ करोड़ रुपए लागत की विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भगवद् गीता, पहुंचेगी इंदौर | NATIONAL NEWS

INDORE: विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भगवद् गीता इन दिनों इटली के मिलान शहर में छापी जा रही है। 800 किलो वजनी किताब की लंबाई 9 फीट, चौड़ाई 6 फीट और ऊंचाई 10 फीट होगी। कवर को मजबूत बनाए रखने के लिए धातु का उपयोग होगा। गोल्ड, प्लेटिनम जैसे कीमती धातुओं के इस्तेमाल से इसे स्क्रीन प्रिंट किया जा रहा है। 670 पृष्ठों की इस किताब के पन्नों को फटने से बचाने के लिए विशेष सिंथेटिक कागज का उपयोग किया है। यह कागज पानी से गीला भी नहीं होगा। इसे गिनीज बुक में भी दर्ज किया जाएगा। इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद द्वारा गीता की टीका के इस वर्ष 50 साल पूरे हो रहे हैं। इसी के अंतर्गत इस्कॉन से जुड़े भक्ति वेदांत बुक ट्रस्ट ने दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक ग्रंथ के तौर पर गीता को वृहद आकार में छापने का निर्णय लिया। इस्कॉन (नॉर्थ इंडिया) के जोनल सेक्रेटरी महामनदास ने भास्कर को बताया कि इसी साल कार्तिक माह में इसे दिल्ली लाया जाएगा। इस्कॉन के दिल्ली सेंटर में यह पुस्तक प्रदर्शित होगी। इसके बाद इसे इंदौर भी लाया जाएगा।।

इटली से समुद्री रास्ते से पहुंचेगी भारत

दो साल से किताब की छपाई चल रही है। अब तक 70 फीसदी से अधिक छपाई हो चुकी है। जल्द ही किताब की बाइंडिंग होगी। इसे समुद्री रास्ते से भारत तक लाया जाएगा। 40 किलो वजनी प्रदेश की सबसे बड़ी गीता मौजूद है इंदौर में निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर में प्रदेश की सबसे बड़ी गीता पहले से मौजूद है। 40 किलो वजन वाली इस गीता को भी इस्कॉन द्वारा इटली में ही प्रिंट करवाया गया था। दो फीट लंबाई और दो फीट चौड़ाई वाली यह गीता संस्कृत के साथ अंग्रेजी में भी पढ़ी जा सकती है। इसी साल जनवरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका विमोचन किया था। 

इंदौर ने 20 लाख रुपए दान दिए 

किताब पर 2 लाख 20 हजार डॉलर यानी करीब 1.5 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। 1.50 लाख डॉलर (करीब 1 करोड़ रुपए) इस्कॉन के सभी सेंटर्स से जुटाए गए हैं। इंदौर इस्कॉन की ओर से 20 लाख रुपए का दान दिया है। बाकी के 50 लाख रुपए एकत्रित करने की कवायद जारी है। इस रकम का उपयोग प्रिंटिंग और बाइडिंग के साथ ट्रांसपोर्टेशन पर होगा।

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