GWALIOR: मंत्री को काले झंडे नहीं दिखा पाए सपाक्स नेता | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में सवर्ण जाति के लोग एससी/एसटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ भड़क चुके हैं। अब नेता शब्द से भी नफरत कर रहे हैं। वो राजनीतिक दलों को सबक सिखाने के लिए लामबंद हुए हैं और सामने आने वाले हर नेता से सवाल कर रहे हैं। अशोकनगर एवं गुना में बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। इस बीच सपाक्स ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की और सपाक्स नेता भी आंदोलन में कूद पड़े लेकिन सफल नहीं हो पाए। 

ग्वालियर में क्या किया सपाक्स नेताओं ने
ग्वालियर में रविवार को सपाक्स के नेताओं ने प्रदेश की नगरीय विकास और आवास मंत्री माया सिंह का घेराव करने और काले झंडे दिखाने का कार्यक्रम किया परंतु जिस तरह से अशोकनगर, गुना और मुरैना में छापामार प्रदर्शन हुए, सपाक्स के लोग नहीं कर पाए। उन्होंने पुलिस के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने सबको हिरासत में लिया और प्रदर्शन बिफल कर दिया गया। दरअसल यह राजनीति की एक ट्रिक है। जब दिखावे के लिए प्रदर्शन करना होता है तो पुलिस अधिकारियों से फिक्स करके इस तरह से प्रदर्शन किए जाते हैं। ऐसे प्रदर्शन करने पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता और जनता को लगता है कि नेता उनके अधिकारों के लिए लड़ रहा है। 

अशोकनगर, गुना और मुरैना में क्या हुआ
अशोकनगर में प्रदर्शनकारियों ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पोस्टर फाड़े और घेराव किया। गुना में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत को रोककर मुर्दाबाद के नारे सुनाए गए। इसके बाद मंत्रीजी पिछले दरवाजे से बचते हुए निकले। गुना के ही आरोन में सांसद सिंधिया के आने से पहले पोस्टर फाड़े गए। मुरैना में पहले सांसद प्रभात झा और फिर मंत्री रुस्तम सिंह को चूड़ियां दीं गईं। काले झंडे दिखाए। 
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !