“शिव भक्त” की शिव के “राज” को चुनौती | EDITORIAL by Rakesh Dubey

यह अलग बात है कि अपने को कभी “शिवभक्त” तो कभी सेकुलर तो कभी कुछ और कहने वाले राहुल गाँधी खुद यह तय नहीं कर पाए हैं कि इस विषय पर वे किधर हैं, परन्तु भोपाल के कांग्रेसजनों ने उन्हें शिवभक्त बना दिया। राहुल गाँधी कल भोपाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खम ठोंक गये हैं। उनकी इस यात्रा में उन्हें “शिवभक्त” और उनके समर्थकों को “गणेश भक्त” साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। विश्वकर्मा दिवस का लाभ लेने से कांग्रेस नहीं चूकी, एयरपोर्ट से भोपाल शहर में घुसने के पहले राहुल गाँधी को विश्वकर्मा मन्दिर ले जाया गया। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने मन्दिर से निकलने के बाद भगवान विश्वकर्मा के बारे में उन्हें जानकारी दी। जानकारी पर प्रश्न चिन्ह लगाने की हिमाकत भाजपा के लोग कर सकते हैं, उसमें जानकारी देनेवाला दोषी नहीं है क्योंकि कार्यक्रम तय करने के बाद उसे खुद किसी से इस बारे में पूछना पड़ा था।

“शिवभक्त” राहुल गाँधी ने खम ठोंकते हुए शिव के “राज” को चुनौती दी। अपने भाषण में उन्होंने कुछ घोषणा की पर उसके पक्ष में तर्क नहीं दिए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने देश के गरीबों का पैसा 15 अमीरों को दिया। कांग्रेस सत्ता में आई तो असली जीएसटी लागू करेगी। विजय माल्या और नीरव मोदी चोर नहीं है लेकिन अगर हिंदुस्तान का किसान कर्ज वापस नहीं देता तो वह चोर है। जैसे ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ होगा. मुझे फर्क नहीं पड़ता तो अर्थशास्त्री क्या कहते हैं मैं कांग्रेस का अध्यक्ष हूं। मेरी सबसे पहली जिम्मेदारी मध्य प्रदेश की जनता की है। जो दर्द यहां के किसानों और युवाओं का वह कांग्रेस अध्यक्ष का है। पार्टी बाद में पहले आप लोग हैं, दूसरे नंबर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के नेता हैं। विपक्ष का काम कांग्रेस का कार्यकर्ता करता है। लाठी कांग्रेस कार्यकर्ता खाता है लेकिन चुनाव से पहले पैराशूट से नेता उतरता हैं, हर कोई खुद को कहता है कि वह 15 साल पहले कांग्रेस में था। जो पैराशूट से कूदेगा उसे टिकट नहीं मिलेगा, पहले 5-6 साल काम करेगा, तभी टिकट मिलेगा। महिला का आरक्षण का बिल पास किया जाए, पूरी कांग्रेस इस बिल का समर्थन करेगी। मध्य प्रदेश में हम ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को विधानसभा में भेजने का काम करेंगे। जिन्होंने व्यापमं स्कैम किया उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी इसको हम अपने घोषणापत्र में डाल रहे हैं।

सबसे महत्वपूर्ण घोषणा यह कही कि चुनाव तक कांग्रेस के सभी नेता एक होकर चुनाव लड़ेंगे।  उनका काफिला गुजर जाने के बाद इसकी पूछ परख शुरू हुई कि “शिवभक्त” के पोस्टर और कार्यकर्ताओं के हाथों में गणेश जी का आइडिया किसका था ? चर्चा में आया कि कालेजों की कतार चलाने वाले, नये भोपाल से टिकट के इच्छुक एक नेता का था। अभी पुष्टि या खंडन नहीं हुआ है। यह यात्रा एक छोटी चुनौती है 15 साल के शिव “राज”  और उनकी पार्टी को। चुनाव जल्द घोषित होगे और कांग्रेस तब तक राम वनगमन पथ पर जाने का सोच रही है।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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