सीहोर। भारी बारिश के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया है। खेतों ने तालाब की शक्ल ले ली है। सीहोर में गुस्साए किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। वो तालाब बन चुके खेतों में उतर गए और जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। कुछ किसान आसपास के पेड़ों पर चढ़ गए हैं।
बार-बार गुहार लगाने के बाद भी जब शिवराज सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसान पेड़ पर चढ़ कर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ किसान पानी में जल सत्याग्रह कर रहे हैं। आपको बता दें कि सीहोर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र है। ऐसे में ये मामला तूल पकड़ सकता है।
किसानों का जलसत्याग्रह
जोरदार बारिश के कारण पिछले 2 दिनों से कोलांस नदी के आस पास के कोलंसकला, ढाबला, भोजनगर, उलजावन और भी कई गांव पानी मे कैद होकर रह गए है। इन गांवों में लगी 200 एकड़ के इलाके की सोयाबीन की फसल पानी मे डूब गई है। पानी गांवो तक पहुच गया है पानी के डर से किसान रात भर सो नही पा रहे। बारिश से बर्बाद हुई फसल का मुआवजे की मांग को लेकर किसान सांकेतिक जल सत्याग्रह पर बैठ गए। किसान नदी के आस पास के पेड़ों पर चढ़ गए और नदी में उतर आये। तेज बारिश के कारण किसानों की फसल चौपट हो गयी है।
किसानों का कहना है कि पिछले 8 दिनों से गांव में बिजली नही है। फसल बर्बाद होने के बाद पटवारी या कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कोई खोज खबर लेने नही आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सीहोर से ही है। पिछले साल बारिश में भी यू ही फसल बर्बाद हुई थी जिस के बाद बेहद कम मुआवजा मिला था किसानों की मांग है कि इस बार 100 फीसदी फसल बर्बाद हुई है इसलिए 100 फीसदी मुआवजा भी मिलना चाहिए।
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