मोदी वाले SC/ST एक्ट को सपाक्स ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती | NATIONAL NEWS

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा SC/ST एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ सपाक्स ने भी ताल ठोक दी है। सपाक्स ने सुप्रीम कोर्ट में मोदी वाले SC/ST एक्ट को चुनौती दी है। सामाजिक, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था ने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। 

बता दें कि SC/ST एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ यह दूसरी याचिका है, इससे पहले सोमवार को दिल्ली के दो वकीलों ने कानून में संशोधन के खिलाफ याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सपाक्स समाज ने संसद द्वारा पारित एट्रोसिटी एक्ट की अधिसूचना को चुनौती दी है इसे संविधान में उल्लेखित समानता और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है। संस्था के संरक्षक और रिटायर्ड आइएएस हीरालाल त्रिवेदी ने बताया कि दिल्ली की वकील सुमन रानी और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अधिसूचना को संविधान में उल्लेखित समानता व स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताकर संयुक्त रूप से चैलेंज किया है। 

याचिका में SC ST अत्याचार निरोधक कानून में धारा 18A जोड़ने का विरोध किया है, याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट नए कानून को असंवैधानिक करार दे और जब तक ये याचिका लंबित रहे, तब तक कोर्ट नए कानून के अमल पर रोक लगाए। याचिका में कहा गया है नए कानून से बेगुनाह लोग प्रभावित होंगे, विशेषकर जाति सूचक शब्द बोलने, प्रताड़ित करने, गाली-गलौच करने, अधिकारी-कर्मचारी के बीच के विवाद में जांच के बाद ही गिरफ्तारी का प्रावधान होना चाहिए। 
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