आपदा नहीं थी केरल की बाढ़, सरकारी मक्कारी से आई तबाही | NATIONAL NEWS

NEW DELHI: केरल में सदी की सबसे भयानक बाढ़ आई परंतु अब खुलासा हुआ है कि यह प्राकृतिक आपदा नहीं थी। 443 इंसान, 22 हजार पशु और 4 लाख पक्षियों की मौत की जिम्मेदार सरकारी मक्कारी है। यह खुलासा नासा ने किया है। नासा ने बताया है कि यह बाढ़ बारिश के कारण नहीं बल्कि बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आई है। 

नासा ने केरल में बाढ़ से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। जिसमें देखा जा सकता है कि केरल का 70 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। जो तस्वीरें नासा ने जारी की हैं उनमें से एक 6 फरवरी की है जबकि दूसरी 22 अगस्त की है। नासा का कहना है कि केरल में बांध से जो पानी छोड़ा गया है वही वहां आई बाढ़ का कारण है। इसका सही से प्रबंधन नहीं किया गया था। अगर सही से प्रबंधन होता तो ये तबाही नहीं आती और न ही 50 हजार घर बर्बाद होते। नासा के वैज्ञानिक सुजय कुमार ने बताया कि भारी बारिश के बीच बांध से पानी छोड़ना बहुत गलत था। पानी को काफी देर से छोड़ा गया। यहां 20 जुलाई से तेज बारिश शुरू हुई थी जबकि बाढ़ 8 अगस्त से। जून और जुलाई तक हालात उतने खराब नहीं थे।

एक साथ खोले गए इडुक्की बांध के 35 गेट

भारी बारिश के बाद राज्य के करीब 80 फीसदी बांध पूरी तरह से भर चुके थे। जिसके बाद पानी को निकालने के लिए इडुक्की बांध के 35 गेटों को एक साथ खोला गया। इसका सही से प्रबंधन नहीं किया गया था।

देश में यहां हुई सबसे ज्यादा बारिश

देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश हुई है। दिल्ली के नजफगढ़ में 148 मिमी, महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में 107 मिमी, दिल्ली के पालम में 101 मिमी, असम के लखीमपुर में 97 मिमी, असम के गुवाहाटी में 95 मिमीऔर मध्यप्रदेश के जबलपुर में 90 मिमी बारिश हुई है। 

22 हजार पशु और 4 लाख पक्षी मारे गए

केरल में आई भारी बाढ़ से 443 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 3.42 लाख लोग ऐसे भी हैं जो राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस बाढ़ ने न केवल इंसानों की बल्कि पशु पक्षियों की भी जान ली है। बाढ़ के कारण करीब 4 लाख पक्षियों और 22 हजार से ज्यादा छोटे और बड़े पशुओं की मौत हुई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कहना है कि बाढ़ ने उन्हें मौका दिया है कि वह नया केरल बना पाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार केरल को बनाने में उनकी मदद करेगी। वहीं अगर पूरे देश की बात की जाए तो 43 फीसदी हिस्सा ऐसा है जहां मानसून सामान्य रहा और 39 फीसदी हिस्सा ऐसा है जहां कम बारिश हुई। पूरे देश में 7 फीसदी कम बारिश हुई है। 11 राज्यों में कम बारिश हुई है।

8 राज्यों में 1276 लोगों की मौत

देश में इस बार आए मानसून ने 1276 लोगों की जान ले ली है। ये मौतें देश के 8 राज्यों में हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोग केरल के हैं। इस राज्य में 443 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 218, पश्चिम बंगाल में 198, कर्नाटर में 166, महाराष्ट्र में 139, गुजरात में 52, असम में 49 और नागालैंड में 11 लोग मारे गए हैं। वहीं राज्यों में जो लोग लापता हुए हैं उनकी संख्या 37 बताई जा रही है।

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