MPPSC: कमलनाथ ने अब सहायक प्राध्यापक भर्ती को घोटाला बताया

भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आज हुए एमपीपीएससी घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए वर्तमान में चल रही सहायक प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सहायक प्राध्यापक भर्ती में भी घोटाला चल रहा है। नियम विरुद्ध मनमानी भर्तियां की जा रहीं हैं। कमलनाथ ने यह भी कहा कि मप्र में जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो सहायक प्राध्यापक भर्ती घोटाले की जांच कराई जाएगी। 

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी प्रेस बयान के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि व्यापमं महाघोटाले के बाद अब पीएससी भर्ती कांड भी उजागर होने लगे हैं। डिप्टी कलेक्टरों और अन्य राजपत्रित अधिकारियों जैसे महत्वपूर्ण पदों की भर्ती में फर्जीवाड़े की बातें सामने आ रही हैं। व्यापमं घोटाले के आरोपी की डायरी में जिस तथाकथित ‘मामा’ और वीआईपी का उल्लेख है वे कौन हैं? इस बात का खुलासा होना चाहिए। वैसे जनता तो जान चुकी है कि ये कौन से ‘मामा’ हैं, क्योंकि वह इस ‘मामा’ को जानती है। 

5 साल पहले ही पता चल गया था, जांच क्यों नहीं कराई
श्री नाथ ने कहा कि मैं तो पहले से ही कह रहा हूं कि शिवराज सरकार घोटालों की सरकार है। उन्होंने प्रदेश के उन प्रतिभाशाली और होनहार युवाओं को धोखा दिया है जो बेचारे इन पदों पर भर्ती के लिये ईमानदारी से मेहनत कर रहे थे। अब वे अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार को पांच साल पहले ही पीएससी में सौदे के संकेत मिल गये थे तो शिवराजसिंह ने जांच क्यों नहीं कराई। उस समय दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 2013 में चार आरोपियों को पकड़ा था जो विभिन्न राज्यों की परीक्षाओं का सौदा करते थे। जाहिर है कि यह घोटाले तब से आज तक लगातार जारी हैं। उन्होंने पीएससी में चल रहे घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। 

अब सहायक प्राध्यापक भर्ती घोटाला चल रहा है

कमलनाथ ने कहा कि अब एक और घोटाला सामने आने वाला है। सरकारी काॅलेजों में लगभग तीन हजार सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके लिये विषयवार परीक्षाएं भी हो चुकी हैं। अब गुपचुप तरीके से बिना इंटरव्यू लिये एक-एक विषय के परिणाम घोषित किये जा रहे हैं, जिनका प्रकाशन समाचार पत्रों में नहीं किया जा रहा है। यह इतिहास में पहली बार हो रहा है कि किसी राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति बिना परीक्षा के केवल साक्षात्कार के आधार पर की जा रही है। यह कौन सा नया नियम आ गया कि इन्टरव्यू नहीं लिये जा रहे हैं। 

हमारी सरकार आई तो जांच कराएंगे
श्री नाथ ने कहा कि क्या कभी आपने सुना है कि राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति बिना इन्टरव्यू के हो गयी? यदि लिखित परीक्षा के बाद इन्टरव्यू होते तो परीक्षा में पास अन्य हजारों उम्मीदवारों को भी कम से कम एक मौका तो मिलता। इस बार फिर युवाओं को धोखा देकर उन्हें ठगा जा रहा है। इन नियुक्तियों में भी एक बड़े षड्यंत्र की बू आ रही है। कांग्रेस सरकार आने पर इन सभी नियुक्तियों की जांच की जायेगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलायी जायेगी।
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