भोपाल। खबर आई थी कि अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से जुड़ी अशासकीय संस्थाओं के शिक्षाकर्मी और संविदा शिक्षकों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन सशर्त होगा। नए वेतनमान की मांग नहीं करने का वचन पत्र लिया जाएगा लेकिन कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग के बाद जो सरकारी आधिकारिक प्रतिवेदन जारी हुआ उसमें बांड का कहीं कोई जिक्र नहीं है।
मप्र शासन की ओर से प्रेस के लिए जारी हुए प्रतिवेदन में लिखा है: अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के तहत अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के पात्र शिक्षाकर्मियों/ संविदा शिक्षकों को एक जुलाई 2018 से अध्यापक संवर्ग के समान वेतनमान का लाभ देने का निर्णय भी लिया गया। सीनियर छात्रावासों के संचालन की योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को अपने निवास स्थान से पृथक स्थान पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये योजना को वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के संचालन की निरंतरता देने का निर्णय लिया गया।
बता दें कि बांड की खबर सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैली थी। अध्यापकों में इसे लेकर काफी चिंता थी हालांकि सीएम शिवराज सिंह की ओर से ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया गया है कि अध्यापकों से वचनपत्र नहीं भरवाए जाएंगे। दरअसल, इस भ्रांति को लेकर सरकार की तरफ से कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।
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