भोपाल। यह बड़ा सवाल है। क्या सिर्फ फ्लाइट कनेक्टिविटी के कारण अमित शाह की टीम ने भोपाल से इंदौर शिफ्ट करने का फैसला लिया है। सवाल इसलिए बड़ा है कि यदि अमित शाह की टीम ने अपना केंप प्लान करने से पहले इतनी सी भी स्टडी नहीं की थी तो क्या उम्मीद की जाए कि यह टीम 3 राज्यों के चुनावों पर नजर रख पाएगी। केंप प्लान करने से पहले भी अमित शाह की टीम के कई लोग भोपाल और इंदौर आ चुके हैं तो फिर केवल एयर कनेक्टिविटी तो मुद्दा नहीं हो सकता।
शाह बटालियन का बेस केंप मध्यप्रदेश में ही क्यों
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में काफी सतर्कता से काम कर रही है। बीजेपी हर हाल में अपने विजय रथ को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटी है, ताकि वह एक बार फिर से तीनों प्रदेशों सहित देश की सत्ता पर काबिज हो सके। इसके लिए पार्टी युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है। मध्यप्रदेश में अमित शाह का हाईटैक वाररूम बनेगा और यहीं से तीनों राज्यों के सभी प्रत्याशियों से सीधे कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाएगी। मध्यप्रदेश का चुनाव इसलिए ताकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान की दूरी बराबर रहे और अपडाउन किया जा सके।
भोपाल से इंदौर शिफ्टिंग की वजह क्या है
राजनीति के गलियारों में टीम अमित शाह की शिफ्टिंग की वजह तलाशी जा रही है क्योंकि यह शिफ्टिंग तब फाइनल हुई जब टीम के 40 सदस्य भोपाल आ चुके थे। इससे पहले टीम के लिए एक प्राइवेट बंगले की तलाश की गई। नहीं मिला तो सरकारी बंगला आवंटित किया गया। सरकारी बंगले में जरूरी बदलाव भी किए गए। टीम भी आ गई लेकिन लगेज अनपैकिंग और सिस्टम इंस्टालेशन से पहले यह फैसला हो गया। कहीं इस फैसले के पीछे बुधनी के किसान का बेटा और इंदौर का भाई तो नहीं।
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