एमपी, छग और राजस्थान के चुनाव टालने पर विचार | ELECTION NEWS

नई दिल्ली। केंद्र में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों ने सलाह दी है कि 2018 के अंत में आ रहे 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव टाल दिए जाएं और ये चुनाव लोकसभा के साथ हों। डाटा जमा किया जा रहा है और इस बात की संभावना बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि लोकसभा के साथ 11 राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जाएं। एक देश एक चुनाव लागू हो ना हो, परंतु कम से कम एक बार सारे देश में एक साथ चुनाव कराने की कोशिश कर ली जाए। 

इधर कांग्रेसी विशेषज्ञों का कहना है कि यह विचार ही अव्यवहारिक है। इससे संवैधानिक संकट की स्थिति आ सकती है। इसके लिए इन तीनों राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद कुछ महीनों तक राज्यपाल शासन जारी करना होगा। भाजपा सूत्रों ने कहा कि राज्यों का चुनाव विलंबित करने या पहले कराने को लेकर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इस विचार पर पार्टी के भीतर औपचारिक रूप से चर्चा नहीं की गई है, क्योंकि ऐसे कदमों की संवैधानिक वैधता को ध्यान में रखना होगा।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा का चुनाव अगले वर्ष की शुरुआत में 10-11 विधानसभाओं के साथ कराने को लेकर प्रयास किये जा सकते हैं। इस कोशिश को खर्च पर अंकुश लगाने का प्रयास बताकर जनता को समझाया जा सकता है। बात जब मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ विधानसभाओं का कार्यकाल समाप्त होने की आई तो पार्टी के नेता ने संकेत दिया कि भाजपा शासित इन राज्यों के लिए कुछ समय के लिए राज्यपाल शासन की संभावना तलाशी जा सकती है, ताकि वहां विधानसभा चुनाव अगले वर्ष के शुरू में लोकसभा चुनाव के साथ हों। 
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