CANARA BANK में 1.13 करोड़ का फर्जीवाड़ा, मैनेजर की मिलीभगत। CRIME NEWS

BHOPAL: एक निजी पावर जेनरेटिंग कंपनी के तीन पार्टनरों ने मिलकर कैनरा बैंक के पूर्व मैनेजर से मिलीभगत कर कंपनी के नाम पर 1 करोड़ 13 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कराकर हड़प लिया। किश्त नहीं चुकाने पर जब वसूली का नोटिस कंपनी के डायरेक्टर को मिला तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। शाहपुरा पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर की शिकायत पर तत्कालीन बैंक मैनेजर समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।  

शाहपुरा टीआई आशीष धुर्वे के अनुसार राजगढ़ निवासी रवि चौहान (32) एक निजी पावर जेनरेटिंग कंपनी में डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी में अमित ममतानी निवासी कृष्णकुंज पुष्पाकुंज अस्पताल खंडवा रोड इंदौर, अमर खरवानी निवासी न्यू रापी पैलेश नवगृह मंदिर के पीछे गोपाल बाग इंदौर और रमेश सिंह निवासी विश्राम बाग देवास पार्टनर हैं। पांच साल पहले नवंबर 2013 में कंपनी ने शाहपुरा स्थित केनरा बैंक की बसंतकुंज शाखा में 1 करोड़ 13 लाख रुपए के लोन के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ रवि चौहान समेत सभी पार्टनर ने अपने दस्तावेज अटैच किए थे, लेकिन बैंक की तरफ से उन्हें बताया गया कि उनका लोन पास नहीं हो पाएगा। रवि चौहान को बताया गया कि लोन का आवेदन मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन इन तीनों आरोपितों ने बैंक के उस समय के मैनेजर अनूप अग्रवाल के साथ मिलकर यह लोन स्वीकृत करा लिया था। 13 जुलाई 2015 को यह लोन आरोपितों ने प्राप्त कर लिया। 

फरियादी रविंद्र चौहान का कहना है कि इस जालसाजी की पहली जानकारी तब मिली थी जब अप्रैल 2017 को गुलमोहर स्थित कैनरा बैंक से मेरे मोबाइल पर फोन आया। कुछ समय बाद बैंक के डीआरटी सेक्शन की ओर से कंपनी को 1 करोड़ 13 लाख रुपए के लोन की किस्त भरने का नोटिस मिला। नोटिस देखकर डायेक्टर रवि चौहान परेशान हो गए। उनका सोचना था कि जब लोन पास ही नहीं हुआ तो बैंक ने वसूली का नोटिस क्यों भेजा। नोटिस लेकर वे बैंक पहुंचे और मामले की शिकायत की। इसके बाद जब बैंक में लगे दस्तावेज चेक किए तो पता चला कि लोन लिया गया है। इसके लिए उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।

रवि ने इस मामले की शिकायत शाहपुरा पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत की जांच शुरू की तो यह सामने आया कि कंपनी के पार्टनर अमित ममतानी, अमर खरवानी, रमेश तथा तत्कालीन बैंक मैनेजर अनूप अग्रवाल के साथ मिलीभगत कर लोन ले लिया है। लोन लेने के लिए दस्तावेजों पर फरियादी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। पुलिस ने रवि चौहान की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल अब इस मामले में किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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