भारतीय परंपरा के अनुसार आम तौर पर विवाह के बाद सावन में बेटियां अपने मायके आती हैं। हिंदू धर्म में सावन में बेटियों का मायके जाना एक विशेष परंपरा है, जिसका पालन करने से बेटियों के मायके और ससुराल दोनों की स्थितियां बेहतर रहती हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि बेटियों का भाग्य घर के भाग्य को नियंत्रित करता है और कई बार बेटियों की विदाई के बाद घर की स्थिति खराब हो जाती है। मान्यताएं हैं कि अगर ऐसा होता है तो सावन के महीने में बेटी के मायके आने पर इन विशेष तरह के उपाय करने से घर और जीवन की तमाम समस्याएं हल की जा सकती है। बेटी जब भी मायके आये तो शाम के समय उसके चरण स्पर्श अवश्य करें
सावन के महीने में बेटी के आने पर विभिन्न समस्याओं के निवारण लिए क्या उपाय करें?
बेटी के घर में आने पर उससे तुलसी का एक पौधा लगवाएं। जितने भी दिन आपकी बेटी घर में रहे नियमित रूप से शाम को तुलसी के नीचे दीपक जलाएं। इसके बाद बेटी को घर की सुख शांति के लिए प्रार्थना करना चाहिए।
अगर आप चाह कर भी मकान नहीं बना पा रहे हैं या संपत्ति नहीं खरीद पा रहे हैं तो ये उपाय करें-
बेटी के घर में आने के बाद किसी भी मंगलवार को उसके हाथ से गुड़ ले लें। उसी दिन उस गुड़ को मिट्टी के बर्तन में रखकर मिट्टी में दबा दें। शीघ्र ही मकान और संपत्ति की इच्छा पूरी हो जाएगी।
बेटी के घर आने के बाद किसी भी बुधवार को ये उपाय करें। बेटी के हाथ से एक सुपारी लें, सुपारी में रक्षा सूत्र लपेटा हुआ होना चाहिए। उस सुपारी को पूजा के स्थान पर पीले कपड़े में रख दें। आपके कर्जे उतरने शुरू हो जाएंगे।
धन की समस्या हो और घर की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही हो तो ये उपाय करें-
बेटी के घर आने के बाद किसी भी सोमवार को प्रातः ये उपाय करें। बेटी को संपूर्ण श्रृंगार में बैठाएं ,सामने अपनी पत्नी के साथ स्वयं बैठें। बेटी के हाथ से एक गुलाबी कपड़े में थोड़ा सा अक्षत और एक चांदी का सिक्का ले लें। गुलाबी कपड़े में उस अक्षत और सिक्के को बांधकर अपने धन स्थान पर रख दें। बेटी का चरण जरूर स्पर्श करें।
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