अमेरिकन पिस्टल से शिवराज सिंह की हत्या करने आया शूटर गिरफ्तार

कोटा। कुख्यात गैंगस्टर शिवराज सिंह और मृतक गैंगस्टर भानुप्रताप की गैंग के बीच चल रही रंजिश रविवार को एक बार फिर सामने अाई। शिवराज सिंह रविवार को तीन घंटे की पैरोल पर छूटा तो उसे मारने के लिए भानुप्रताप के गुर्गे सक्रिय हो गए। भानुप्रताप का खास गुर्गा भीमा शिवराज की हत्या करने कोटा आ रहा था, इसी दौरान मुखबिरों की सूचना पर कैथून पुलिस ने उसे धरदबोचा। उसके पास से दो अमेरिकन पिस्टल, डबल मैगजीन तथा कारतूस बरामद किए हैं। कुख्यात बदमाश अशोक माली की हत्या के बाद से भीमा फरार चल रहा था। 

कोटा ग्रामीण एसपी डॉ. राजीव पचार ने बताया कि शिवराज सिंह को अपने चाचा की मृत्यु होने पर रविवार को तीन घंटे की आकस्मिक पैरोल मिली थी। वह पुलिस कस्टडी में महावीर नगर स्थित घर पर आया था। यह खबर भानुप्रताप के गुर्गों को लग गई। भानु की गैंग का कुख्यात बदमाश भीमा उर्फ रविंद्र सिंह पुत्र लक्ष्मण दान सिंह निवासी जोलपा, खानपुर को उसकी हत्या करने की फिराक में था।  पुलिस को मुखबिरों से इसकी सूचना मिली तो पुलिस ने उसे कैथून इलाके से धरदबोचा। उसे दो अमेरिकन मेड पिस्टल, डबल मैगजीन लोडेड, कारतूस सहित पकड़ा। पुलिस टीम में कैथून सीआई देवेश भारद्वाज, एसपी स्पेशल सेल के एएसआई अजीत मोगा सहित अन्य शामिल रहे। 

अशोक माली की हत्या कर पटका था जंगल में 
एएसपी गोपाल सिंह कानावत ने बताया कि साल 2012 में झालावाड़ में सत्तु चौधरी की बदमाश रमेश दौलतपुरिया, भीमा उर्फ रविन्द्र सिंह, श्याम सिंह शूटर, महेश मीणा, और अशोक माली ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। 30 जून, 2013 को अशोक माली और भीमा उर्फ रविन्द्र दोनों कोटा से पार्टी के लिए दाढ़देवी जंगल में गए थे। दोनों ने वहां की पार्टी की। दोनों के पास पिस्टल थी, जिनको दोनों चैक कर रहे थे। भीमा की पिस्टल से अचानक गोली चल गई, जो अशोक के कमर के पास से आर-पार हो गई और उसकी मौत हो गई। भीमा उसे खानपुर से गऊघाट रोड पर बारापाटी जंगल में फूटाखाणा के पास जंगल में फेंक दिया। 
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