राजगढ़ में उठ रहीं हैं प्रभारी मंत्री यशोधरा राजे के खिलाफ आवाज, मोदी से होगी शिकायत

भोपाल। कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ उनके प्रभार वाले जिले राजगढ़ में आवाज उठना शुरू हो गई हैं। लोग पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि राजगढ़ में पिछले 1 माह में 2 बार सीएम शिवराज सिंह का दौरा हो गया। 23 जून को पीएम नरेंद्र मोदी भी आ रहे हैं परंतु प्रभारी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया पिछले 10 महीने से यहां नहीं आईं, जिससे तमाम विकास कार्य अटके हुए हैं। दरअसल, यशोधरा राजे सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह से नाराज चल रहीं हैं। शिवराज सिंह ने उद्योग विभाग में अच्छा काम करने के बाद भी उनसे मंत्रालय छीन लिया था। 

यशोधरा राजे के ना आने से ये काम अटके हुए हैं
जियोस की बैठक नहीं होने से जिले में सबसे बड़ी समस्या पेयजल परिवहन पर प्लानिंग नहीं हो सकी। भरी गर्मी में लोगों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही जियोस के अभाव में पीएचई के हर ब्लॉक के आठ-आठ गांवों की मुख्यमंत्री पेयजल योजना को स्वीकृति नहीं मिल सकी। इससे एक लाख से अधिक लोग लाभांवित होते। इसी तरह पीडब्ल्यूडी के 2 अरब की सड़कों के निर्माण की समीक्षा भी अधर में लटकी है। वहीं ब्यावरा सिटी के साथ ही नई सड़कों के एस्टीमेट तैयार नहीं हो सके। इसी तरह आरईएस से ग्रामीण विकास के प्लान भी अधर में लटके है। वहीं बीमार, असहाय की मदद सहित अन्य काम लंबित पड़े है। 

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किसान आंदोलन से पहले पिछले माह केबिनेट बैठक में सभी मंत्रियों को प्रभार वाले जिले में दो दिवसीय दौरे पर जाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए सीएम श्री चौहान ने मंत्रियों को संबंधित जिले में रात्रि विश्राम के लिए भी कहा था। इसके लिए प्रभारीमंत्री श्रीमती सिंधिया का 23 मई को जिले में आने वाली थी। इसके लिए बखेड़ में जिला स्तरीय आयोजन तय किया गया था। ऐन वक्त पर ब्यावरा में रात्रि विश्राम के साथ ही सारंगपुर में शिविर आयोजित किया, लेकिन मंत्री की तबीयत खराब होने के चलते यह दौरान निरस्त हो गया। 

जिले में 13 सितंबर 17 को हुई थी आखिरी बैठक
पिछली बार मंत्री श्रीमती सिंधिया ने जिला योजना समिति की बैठक में 13 सितंबर 2017 को हिस्सा लिया था। इसके बाद 10 महीनों से उन्होंने बैठक नहीं बुलाई। जबकि हर तीन महीने में अनिवार्य तौर बैठक बुलाई जाना चाहिए। जिससे जिले में तात्कालिक परिस्थितियों के हिसाब से जरूरी कामों को मंजूरी मिल सके। 

जियोस की बैठक का यह है नियम 
जिला योजना समिति की बैठक का पदेन अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री होता है। वहीं सचिव कलेक्टर होता है। इसमें विधायक सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधी सदस्य होते है। जिले के विकास का खाका तैयार करने इस बैठक का महत्वपूर्ण रोल होता है। इसके लिए इसे हर माह आयोजित किया जाता है। हर माह आयोजित नहीं होने पर तीन माह में बैठक अनिवार्य है। जिसमें नई योजना के साथ ही पुरानी की समीक्षा, स्वीकृति, सुधार व संशोधन भी किया जाता है। लेकिन मंत्री के नहीं आने से जिले में यह बैठक 10 माह से नहीं हो पा रही है। 
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