
दर्ज शिकायत के अनुसार आरोपी नायब तहसीलदार ने फरियादी कमलेश शर्मा निवासी भन्नाखेड़ा शमसाबाद जिला विदिशा से ये रिश्वत मांगी थी, फरियादी की निजी कृषि भूमि की प्रविष्टि राजस्व विभाग में गलत दर्ज हो गयी है, जिसमें सुधार करने के लिए पीड़ित ने नायब से फरियाद की थी, बस इसी काम की एवज में उसने पांच हजार रुपए की डिमांड कर दी थी। रिश्वत की डिमांड के बाद फरियादी ने लोकायुक्त भोपाल से 31/05/2018 को शिकायत की थी, जिस पर पुलिस अधीक्षक भोपाल ने टीम भेजकर कार्रवाई कराई, जिसमें नायब तहसीलदार रंगे हाथों धरा गया।
गलती विभाग की फिर भी रिश्वत मांगी
इस मामले में चौंकाने वाली बात तो यह है कि गलती राजस्व विभाग की ओर से की गई थी। विभाग को क्षमायाचना के साथ भूल सुधार करना चाहिए था। पीड़ित को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए पंरतु मप्र का सरकारी सिस्टम देखिए। राजस्व विभाग के अधिकारी ने अपनी ही गलती को सुधारने के लिए रिश्वत मांगी।
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