संविदा कर्मचारियों का नियमित करने गाइड लाइन जारी

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने 1.84 लाख संविदा कर्मचारियों की सीधे नियमित करने की मांग को ठुकराते हुए नियमितीकरण के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके तहत संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी की तरह एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रीटमेंट मिलेगा और जब विभागों में नियमित पदों के लिए भर्ती होगी तो 20 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, लेकिन उन्हे पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। गाइड लाइन का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी संविदा अवधि 5 साल से ज्यादा हो गई हो। संबंधित विभाग संविदा कर्मचारियों को वेतन के आधार पर चार श्रेणी प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी में विभाजित करेंगे। 

जारी निर्देश अनुसार विभाग संविदा नियुक्ति के पद सामान्य प्रशासन विभाग की अनुमति से निर्मित कर सकेंगे। सभी विभाग वेतन के आधार पर संविदा कर्मचारियों को श्रेणी में बांटेंगे। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग का निर्णय अंतिम होगा। भर्ती में 20 फीसदी पद संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित होंगे, लेकिन इस नीति के तहत एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद फिर से लाभ नहीं मिलेगा। 

जीएडी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सीधी भर्ती का पद जिस श्रेणी का है, उसे श्रेणी में आवेदन न्यूनतम 5 साल तक संविदा सेवा की हो, वह उसी श्रेणी के पद के लिए आवेदन कर सकता है। यदि किसी संविदा कर्मचारी को बीच में सेवा से हटाया गया हो और बाद में रखा गया हो, ऐसी स्थिति में कुल संविदा सेवा 5 साल होना चाहिए। किसी भी विभाग का संविदा कर्मचारी अन्य किसी भी विभाग में नियमितीकरण के लिए आवेदन कर सकेगा।

PSC में आरक्षण नहीं मिलेगा, बस आयुसीमा में छूट दी जाएगी 

यह जरूरी नहीं है कि जिस विभाग में संविदा कर्मचारी रहा है, उसी में नियमित किया जाए। नियमित नियुक्ति के बाद कर्मचारी का संविदा सेवा का कोई लाभ नहीं मिलेगा। नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रतिस्पर्धात्मक होगी, जिसमें कटआॅफ मार्क्स होंगे। पीएससी के माध्यम से भरे जाने वाले प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के पद संविदा सेवकों के लिए 20 फीसदी आरक्षित नहीं होंगे लेकिन कर्मचारियों को आयु सीमा छूट में लाभ मिलेगा। 

सीधे सेवा समाप्ति नहीं होगी, प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी 

संविदा कर्मियों को गंभीर आरोप लगने की स्थिति में आसानी से नहीं हटाया जाएगा। उन्हें नोटिस जारी कर सुनवाई का मौका देने के बाद ही सेवा से हटाया जाएगा। जब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाता, तब तक उन्हें प्रति वर्ष जनवरी में वेतनवृद्धि मिलेगी। इसके लिए 6 महीने की सेवा जरूरी है। जिन संविदा कर्मचारियों को अभी तक ईपीएफ /राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। 

अवकाश का लाभ मिलेगा

संविदा कर्मचारियों को साल में 13 दिन का आकस्मिक अवकाश, 15 दिन का अर्जित अवकाश तथा 10 दिन का लघुकृत अवकाश की पात्रता होगी। महिला कर्मचारियों को 90 दिन क प्रसूति अवकाश मिलेगा। संविदा कर्मचारियों का मासिक पारिश्रमिक, समकक्ष नियमित पदों के वेतनमान के न्यूनतम का 90 फीसदी निर्धारित किया गया है। विभाग इन नीति के अनुरूप विभागीय सेटअप तथा भर्ती नियमों में बदलाव नहीं करेंगे। बल्कि भर्ती से रोक हटवाई जाएगी। किसी विभाग द्वारा संविदा कर्मचारी को पूर्व से कोई सुविधा मिल रही है तो वह जारी रहेगी।
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