आईएएस नेहा मारव्या सिंह को फिर बदल दिया गया

भोपाल। नेहा मारव्या सिंह अब मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित महिला आईपीएस बनती जा रही हैं। एक रिकॉर्ड बनता जा रहा है कि वो किसी भी कुर्सी पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं करतीं। शिवपुरी में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से विवाद के बाद नेहा मारव्या सिंह को भोपाल में विशेष कर्त्तव्यनिष्ट अधिकारी पदस्थ किया गया था। आज सामान्य प्रशासन विभाग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी श्रीमती नेहा मारव्या सिंह की पद-स्थापना उप सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग में की है। मारव्या को पहले जिला पंचायत जबलपुर, फिर जिला पंचायत दतिया और भोपाल में राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थापना के बाद उन्हें शिवपुरी में जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया था। मात्र 5 साल में यह उनकी चौथी पोस्टिंग थी।

वर्ष 2014 में गुना लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार वाहन के विरुद्ध बेवजह कार्रवाई करने के कारण चुनाव आयोग ने इनका तबादला आदेश जारी कर दिया था। 
इसी तरह जबलपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से इनका विवाद काफी सुर्खियों में रहा है। मामला सीएम हाउस तक पहुंचा। यह विवाद तभी थमा जब नेहा मारव्या का तबादला हुआ।
इसके अलावा सेंट्रल बैंक प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर की इनकी कोशिश भी काफी सुर्खियों में रही। शिवपुरी में जनवरी 2017 में जनसुनवाई के दौरान एक कर्मचारी नेहा मारव्या के समक्ष उपस्थित हुआ। वो अपनी लंबित समस्या के कारण इच्छामृत्यु की मांग कर रहा था। उसे समाधान चाहिए था। नेहा मारव्या ने समाधान तो नहीं किया, उल्टे उसके आवेदन पर एसपी शिवपुरी को निर्देशित किया कि पीड़ित के खिलाफ आईपीसी/सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की जाए।

विशेषज्ञ आज तक समझ नहीं पाए कि इच्छा मृत्यु मांगने वाले पीड़ित के खिलाफ किन धाराओं में केस फाइल करें। इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो अगली जनसुनवाई में मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया गया। विरोध के बाद इस प्रतिबंध को हटाया।
कलेक्टर का प्रभार मिलने के बाद 26 जनवरी के कार्यक्रम के कवरेज को लेकर भी विवाद हुआ।
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