शिवराज सिंह सामंतवादी हो गए हैं: ज्योतिरादित्य सिंधिया

भोपाल। सांसद एवं कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि जन्म से कोई सामंतशाही नहीं होता, बल्कि प्रवृत्ति से होता है। शिवराज सिंह में यही प्रवृत्ति बढ़ गई है। ‘मैं हूं ना, तुम आओ, सब देख लूंगा और आइये लाइन लगाइए’ आदि। ये सामंतशाही की प्रवृत्ति है। सबकुछ अपने हाथ में रखना और निर्णय करना। वे खुद को राजा समझते हैं। बता दें कि अब तक 'सामंतशाही' शब्द के साथ सिंधिया पर ही हमले हुए करते थे। पहली बार सिंधिया ने इसी शब्द का उपयोग करते हुए अपने विरोधी पर हमला किया है। 

मुख्यमंत्री को सिर्फ एक कार्यकाल मिलना चाहिए

सिस्टम ठीक करने के लिए लीडर को आगे आना होगा। कोई भी गलत करे तो दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। जब परिवार में ऐसा होता है तो बाहर क्यों नहीं। मैं रोटरी और लायंस क्लब के फंक्शन में जाता हूं तो सुनता हूं कि किसी भी व्यक्ति का कार्यकाल सीमित है। एक साल मिला है काम करो। मेरी भी ऐसी ही क्रांतिकारी सोच है कि किसी भी मुख्यमंत्री को एक कार्यकाल ही मिलना चाहिए। जो भी करना है, पांच साल में करके दिखाए। ऐसा नियम नहीं है। प्रजातंत्र में राजनीतिक दलों को निर्णय लेना होगा।

उद्योगपतियों से वन टू वन बात करेंगे

मोदी और शिवराज की परिभाषा के आधार पर या इज ऑफ डूइंग से कुछ नहीं होगा कि जो जितना पैसा दे, उसे निवेश के लिए बुलाओ। कांग्रेस की सरकार बनी तो मप्र में कोई इन्वेस्टर्स समिट नहीं होगी। हर एक उद्योगपति से बात करके उसे बुलाएंगे। फूलों के रेड कार्पेट की जगह सुविधाएं देंगे। मप्र के लिए रोजगार लेंगे। 

किसान तय करें उन्हे कैश चाहिए या चैक

फसल किसानों की है तो विकल्प भी उनके ही पास होना चाहिए। वे तय करें कि उन्हें पैसा कैसे चाहिए। सरकार ये कैसे तय करेगी कि पैसा किसान को खातों में या चेक से दें। भाजपा सरकार अपने हाथ में यह कंट्रोल रखकर तय कर रही है कि किसानों की फसल खरीदकर पैसा कैसे दें? यह ठीक नहीं है। 

आरक्षण के पक्ष में लेकिन अनारक्षित से अन्याय नहीं 

भाजपा का एजेंडा आरक्षण समाप्त करने का है। यह आरएसएस प्रमुख भी कह चुके हैं। हम आरक्षण के पक्ष में हैं लेकिन अनारक्षित वर्ग के साथ अन्याय न हो, उसके लिए अवसरों को बढ़ाएंगे। कट ऑफ क्यों 99, 98 या 97 प्रतिशत पर रुके। अवसर और सीटें ज्यादा होंगी तो सभी को मौका मिलेगा। 
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