केजरीवाल की बीमारी का मजाक मत उड़ाना: बीजेपी हाईकमान का संदेश

नई दिल्ली। अफ्रीका की एक आदिवासी प्रजाति में परंपरा है। यदि उन्हे किसी पेड़ से परेशानी होती है तो उसे काटते नहीं है, बल्कि हर रोज उसके पास जाकर उसे भलाबुरा कहते हैं। कुछ समय बाद वह पेड़ अपने आप मुरझा जाता है और सूखकर खत्म हो जाता है। दिल्ली में मिली शर्मनाक शिकस्त के बाद बीजेपी लम्बे समय से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुछ ऐसी ही प्रेक्टिस करती चली आ रही है। इसका काफी असर भी हुआ है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी मुरझा गई है। लेकिन यह पेड़ नहीं राजनीति है, यहां तिनके के सहारे तूफान पार हो जाता है। 9 दिन के अनशन के बाद केजरीवाल बीमार हुए तो इसे लेकर भी भाजपाईयों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। बीजेपी हाईकमान घबरा गया है। कहीं केजरीवाल को इसका फायदा ना मिल जाए इसलिए हाईकमान ने सोशल मीडिया के योद्धाओं को संदेश दिया है कि केजरीवाल की बीमारी पर चुप रहें। 

सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने बीजेपी के नेताओं को नसीहत दी है कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बीमारी को लेकर कमेंट न करें। बीजेपी आलाकमान को लगता है कि इससे केजरीवाल को सहानुभूति मिल जाएगी और वो फिर से अपना आंदोलन खड़ा कर सकेंगे। बीजेपी की रणनीति है कि केजरीवाल को दिल्ली में फंसाकर रखा जाए और चुनाव के वक्त क्रश कर दिया जाए। 

वहीं अनशन का जवाब अनशन को लेकर भी पार्टी आलाकमान ने नाराजगी जताई है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बीजेपी नेताओं से कहा कि केजरीवाल के एलजी के घर पर धरना के बदले दिल्ली सचिवालय में जाकर धरना नहीं देना चाहिए था। बल्कि लोगों के बीच या फिर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए था। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांग के साथ एलजी अनिल बैजल के घर ही धरने पर बैठे थे। जिसके जवाब में बीजेपी के नेता जिसमें बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा, जगदीश प्रधान और सांसद प्रवेश वर्मा भी धरने पर बैठ गए थे।
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