PC JEWELLERS: 70% गिरे शेयर, निवेशकों को 20000 करोड़ का घाटा | BUSINESS NEWS

Bhopal Samachar
देश की दूसरी बड़ी ज्वैलर पीसी ज्वैलर की साख पर संकट आ खड़ा हुआ है। सेबी की जांच के चलते लोग तेजी से PCJ के शेयर्स बेच रहे हैं। जनवरी से करीब 70 पर्सेंट गिरावट आ चुकी है। इसके चलते शेयरहोल्डर्स को 20000 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। फरवरी में इस शेयर में पहली बड़ी बिकवाली इस अटकल पर शुरू हुई थी कि सेबी एक कंपनी वक्रांगी के साथ पीसी ज्वैलर के रिश्तों की जांच कथित स्टॉक मैनिपुलेशंस के मामले में कर रहा है। उसके बाद हालिया अफरातफरी तब मची, जब दो में से एक प्रमोटर पदम चंद गुप्ता ने कंपनी में अपनी 26 पर्सेंट होल्डिंग का करीब 2 पर्सेंट हिस्सा किसी अज्ञात रिश्तेदार को गिफ्ट कर दिया। इससे यह सवाल उठा कि क्या भविष्य में ऐसी और डील्स होंगी और अगर ऐसा हुआ तो शेयर प्राइस पर असर पड़ेगा।

कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज से जुड़े दूसरे प्रमोटर बलराम गर्ग ने कहा, 'हम शेयर प्राइस में इतनी गिरावट की वजह नहीं समझ पा रहे हैं। इस पर हमारा कंट्रोल नहीं है, लेकिन हम यह भरोसा दे सकते हैं कि कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने मार्च में सात स्टोर खोले थे। अप्रैल में दो और खोले। इस साल हम 25 स्टोर खोलेंगे।'

जुलाई-दिसंबर पीरियड में कंपनी ने साल दर साल आधार पर 23 पर्सेंट सेल्स ग्रोथ दर्ज की। इस दौरान नेट प्रॉफिट 46 पर्सेंट बढ़ा, जो पिछले फिस्कल के दौरान 6 पर्सेंट की बढ़ोतरी से कहीं ज्यादा रहा। गर्ग ने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने से प्रदर्शन में सुधार आया। उन्होंने कहा, 'जीएसटी ने सभी सेक्टरों में अनऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स को हिला दिया, लेकिन ज्वैलरी सेक्टर में इसका असर कहीं ज्यादा रहा।' मार्च क्वॉर्टर और पूरे वित्त वर्ष के इसके नतीजों का ऐलान 25 मई को किया जाएगा। कंपनी ने शेयर बाजारों को यह भी बताया है कि वह डिविडेंड देने या शेयर बायबैक करने पर विचार कर रही है। डिविडेंड और बायबैक के आकार पर मार्केट की नजर रहेगी।

दमदार फाइनेंशियल ग्रोथ और इसके पीक प्राइस पर 40 के पीई के मुकाबले 12 का ट्रेलिंग पीई निवेशकों को लुभा सकता है। इसके अलावा इसकी बैलेंस शीट भी अच्छी है। कंपनी पर फाइनेंशियल ईयर 2017 में करीब 700 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसमें से अधिकांश शॉर्ट टर्म था। कंपनी के पास 1200 करोड़ रुपये के कैश और इक्विवैलेंट्स थे।

हालांकि बेहतर यह होगा कि निवेशक कम से कम दो क्वॉर्टर्स तक इंतजार कर देख लें कि ऊंची ग्रोथ का ट्रेंड बना रहता है या नहीं। पिछले हफ्ते वक्रांगी की ऑडिटर पीडब्ल्यूसी ने ऑडिटिंग की जिम्मेदारी छोड़ने का ऐलान किया था। यह तो नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया, लेकिन ऐसे घटनाक्रम प्राय: कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्टिंग पर निवेशकों के मन में संदेह पैदा करते हैं। पीसी ज्वैलर की तरह वक्रांगी भी डेट फ्री कंपनी है।

बाजार इन दोनों के बीच कोई रिश्ता होने की अटकलें लगा रहा है, लिहाजा निवेशकों के लिए यह देखना ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है कि पीसी ज्वैलर आने वाली दो-तीन तिमाहियों में अच्छे नतीजे दर्ज करती है या नहीं। वक्रांगी का मार्केट कैप जनवरी के इसके पीक से 80 पर्सेंट नीचे आ चुका है और इसके शेयरों में रोज ही लोअर सर्किट लग रहा है।
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