हड़ताली वन कर्मचारियों की जगह होमगार्ड तैनात

भोपाल। 19 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे वन कर्मचारी संघ ने सिस्टम को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि वन कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। जंगल में जंगली जानवर हमला करते हैं। फिर भी सुविधाएं नहीं दी जा रही है। इधर वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद जंगल व वन्यप्राणियों को खतरा बढ़ता देख वन विभाग ने पुलिस और होमगार्ड जवानों की मदद लेने का फैसला लिया है। शुक्रवार शाम को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) संरक्षण मप्र बीके मिश्रा ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

राजधानी में इंदिरा निकुंज नर्सरी में धरने पर बैठे संघ के रामकृष्ण चौधरी, रजनीश कुमार शुक्ला, दीपक सिंह एवं सुनील चंद्र सहित अन्य ने बताया कि वन कर्मचारी जोखिम लेकर कार्य करते हैं। उसके बाबजूद उपेक्षा की जा रही है। सरकार से जब-जब बातचीत हुई उस दौरान कहा गया कि सशस्त्र बल घोषित किया जाए। इसके लिए आईपीसी एवं सीआरपीसी में संशोधन करके न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए जाएं। इसके लिए सिर्फ आश्वासन भर दिए जा रहे हैं।

उनहोंने बताया कि वन रक्षक से प्रधान वन संरक्षक स्तर के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को वर्दी देना सरकार उचित नहीं समझ रही है। अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 45 की उनमुक्ति पर भी कुछ नहीं किया जा रहा है। वनपाल, वन रक्षक, उपवन क्षेत्रपाल, वन क्षेत्रपाल के निवास में सुविधाओं का अभाव है। लंबे समय से मांग की जा रही है कि तहसील और ब्लाक मुख्यालयों पर आवास की सुविधा की जाए, लेकिन इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण वन कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं।
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